Last Updated: Friday, March 29, 2013, 00:27

नई दिल्ली : केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी के सरकार के खिलाफ तीखे बयान दिए जाने के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज सपा की समर्थन वापसी की संभावना स्वीकार की, लेकिन सरकार के समक्ष खतरा होने या समय से पूर्व चुनाव होने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
गठबंधन की बाध्यताओं को सुधार प्रक्रिया के आड़े नहीं आने देने का संकल्प जताते हुए मनमोहन ने कहा कि सरकार को सुधार कार्यक्रम आगे बढ़ाने का विश्वास है और इसके परिणाम अगले कुछ महीनों में सामने आएंगे। सिंह ने कहा, ‘यह स्वभाविक है कि गठबंधन को कई मुद्दों से रू-ब-रू होना पड़ता है। कई बार ऐसा लगता है कि इस प्रकार की व्यवस्था स्थायी व्यवस्था नहीं है और मैं इससे इंकार नहीं करता कि ऐसी संभावनाएं नहीं उत्पन्न होती।’
दक्षिण अफ्रीका के डरबन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अपने चार दिवसीय यात्रा से लौटते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। लोकसभा के लिए अगला चुनाव निर्धारित समय पर 2014 में होंगे।’ सिंह से पूछा गया था कि द्रमुक के सप्रग सरकार से अलग होने के बाद सपा के समर्थन वापस ले सकती है।
द्रमुक के लोकसभा में 18 सांसद है और उसने श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर संप्रग सरकार से समर्थन वापस ले लिया और पिछले कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी सरकार और कांग्रेस पार्टी को निशाना बना रही है। समाजवादी पार्टी के लोकसभा में 22 सांसद और बसपा के 21 सांसद है जो केंद्र सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं और कई बार संकट में सरकार को उबारने का काम किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार के पास सुधार को जारी रखने का संसाधन है, प्रधानमंत्री ने कहा कि सुधार एक बार तय की जाने वाली व्यवस्था नहीं है जो सरकार सुधार के जरिये चाहती है। उन्होंने कहा, ‘सुधार को आगे बढ़ाते हुए निश्चित तौर पर इस तथ्य को ध्यान में रखना होगा कि संसद में हमारे कुछ सुधारों को मंजूरी दिलाने के लिए हमारे पास बहुमत नहीं है। इसलिए हम निश्चित तौर पर सहयोगियों की शुभेच्छा पर निर्भर है और मैं अंतिम व्यक्ति होउंगा जो इस बात से इंकार करूंगा कि इसमें अनिश्चितताएं हैं।’
सिंह ने कहा, ‘लेकिन इसके बावजूद, हमें विश्वास है कि जो सुधार हम आगे बढ़ा रहे हैं, उसके परिणाम अगले कुछ महीनों में सामने आयेंगे। हम इसे आगे बढ़ा सकेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह और कांग्रेस नेतृत्व में अपने सहयोगियों को साथ रखने की क्षमता समाप्त हो गई है और एक के बाद एक सहयोगी छोड़ रहे हैं, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं।’
उन्होंने कहा, ‘गठबंधन की चुनौतियां होती हैं जिसका ध्यान रखना होगा। हम इन बाध्यताओं को सुधार प्रक्रिया के आड़े नहीं आने देंगे या कोई ऐसी स्थिति पैदा नहीं होने देंगे जिससे इस बड़े देश में शासन से जुड़ा हमारा काम एक किनारे कर दिया जाए।’
यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उन्हें 2014 के बाद एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने के लिए कहती हैं, तब क्या वह इसे स्वीकार करेंगे, सिंह ने कहा, ‘यह एक काल्पनिक प्रश्न है। और जब मौका आयेगा तब फैसला करेंगे।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 28, 2013, 23:28