Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 19:17
नई दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिल जाती है तो किसी भी विश्वविद्यालय से 100 से अधिक कालेज संबद्धता प्राप्त नहीं कर सकेंगे। कई राज्यों में एक विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त कालेजों की संख्या 500 तक होने की रिपोर्ट के बाद मंत्रालय ने यह पहल की है। मंत्रालय का मानना है कि विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेज काफी दूर स्थित होने और इनकी संख्या अधिक होने के कारण शिक्षा की गुणवत्ता और व्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस पर केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की 8 नवंबर को होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि देश में अभी 297 विश्वविद्यालय और 33,023 कालेज हैं। महाराष्ट्र में 20 विश्वविद्यालय और 4,631 कालेज हैं। राज्य में प्रत्येक विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त कालेजों की औसत संख्या 230 है। आंध्र प्रदेश में 33 विश्वविद्यालय और 4,066 कालेज हैं। आंध्रप्रदेश में प्रत्येक विश्वविद्यालय से औसतन 135 कालेज कालेज संबद्ध हैं। उत्तरप्रदेश में 23 विश्वविद्यालय और 3,859 कालेज हैं। राज्य में प्रत्येक विश्वविद्यालय से औसतन 170 कालेज संबद्धता प्राप्त हैं।
अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जो स्नातकोत्तर शिक्षा और शोध को बढ़ावा देते हैं जबकि कालेजों के माध्यम से स्नातक तक की शिक्षा प्रदान की जाती है। लेकिन विश्वविद्यालयों से बड़ी संख्या में कालेजों के जुड़ने से उच्च शिक्षा एवं शोध को बढ़ावा देने का मूल उद्देश्य प्रभावित होता है। अधिकारी ने कहा कि संबद्धता प्रदान करने की व्यवस्था की समीक्षा करना जरूरी हो गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 19:17