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संसद का सत्र बढ़ाने को लेकर असमंजस

ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी


 

नई दिल्‍ली : संसद के सत्र की अवधि को बढ़ाने को लेकर असमंजस बढ़ गया है। सत्र बढ़ाने पर कई सांसदों ने विरोध जताया है।

 

अब बुधवार सुबह 10.30 बजे बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक होगी और इस बैठक में ही सत्र पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि संसद सत्र के विस्तार की योजना पर अभी पुनर्विचार हो रहा है।

 

लोकपाल विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के मकसद से संसद के शीतकालीन सत्र को 27 दिसंबर से तीन दिन के लिए बढ़ाने जाने पर अनिश्चितता बनी हुई है। विपक्ष समेत कुछ सांसद सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं।

 

ताजा पहले करते हुए संसद सत्र को एक दिन बढाकर 23 दिसंबर तक किया गया है लेकिन सांसद इसे क्रिसमस से आगे बढ़ाए जाने के खिलाफ हैं। संसद का सत्र मूल रूप से 22 दिसंबर को समाप्त होना था लेकिन लोकपाल विधेयक, व्हिसलब्लोअर्स विधेयक, न्यायिक जवाबदेही विधेक को पारित कराने के लिए उद्देश्य से इसे बढ़ाने की योजना बनाई गई।

 

बहरहाल, संसद सत्र तीन दिन बढ़ाए जाने की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने कहा कि इस प्रस्ताव की बुधवार को समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति इस विषय पर अंतिम निर्णय करती है। कुछ दल एवं सांसद सत्र में विस्तार को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लोकपाल विधेयक पर मसौदे के नोट को मंजूरी दे दी है और इसे आज रात कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। विपक्षी दलों ने तीन प्रमुख विधेयकों पर चर्चा की मांग की थी जो सरकार की भ्रष्टाचार से निपटने की रणनीति का हिस्सा हैं।

 

लोकपाल विधेयक में प्रमुख संशोधनों में प्रधानमंत्री को कुछ शर्तों के साथ लोकपाल के दायरे में लाना, सीबीआई द्वारा भेजे गए भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर लोकपाल को ज्यादा अधिकार देना और सीबीआई निदेशक की चयन प्रक्रिया बदलना हैं। तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के बारे में अलग प्रणाली पर काम हो रहा है।

सरकार अन्ना हजारे की 27 दिसंबर से अनशन की चेतावनी के बीच लोकपाल विधेयक को वर्तमान सत्र में पारित करने के लिए तेजी से काम कर रही है।

First Published: Tuesday, December 20, 2011, 21:42

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