Last Updated: Monday, December 26, 2011, 10:09
नई दिल्ली : संसदीय कार्य राज्य मंत्री हरीश रावत ने प्रभावी लोकपाल के लिए मंगलवार को शुरू होने वाले अन्ना हजारे के अनशन से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि कानून का निर्माण संसद के विवेक पर छोड़ देना चाहिए। रावत ने कहा कि अन्ना के सहयोगियों के अधिकतर सुझावों को विधेयक में जगह दी गई है और इसका निर्माण समाज के सभी वर्गो के कल्याण को ध्यान में रखकर किया गया है।
उन्होंने कहा कि देश एवं समाज के सभी वर्गो के कल्याण को ध्यान में रखकर सभी सुझावों को जगह दी गई है। यदि कुछ छूट जाता है तो अन्ना जी एवं उनके साथियों को इसे संसद एवं सांसदों के विवेक पर छोड़ देना चाहिए।
रावत ने पत्रकारों से कहा कि उनके अधिकतर सुझावों को कमोबेश विधेयक में जगह दी गई है। उन्होंने कहा कि जब संसद विचार कर रहा है तो ऐसे में दबाव बनाने की कोई जरूरत नहीं है। रावत ने कहा कि संसद में कल से बहस शुरू होगी और इस पर विस्तृत रूप से विचार किया जाएगा। सभी राजनीतिक दल इसमें भागीदारी करना चाहते हैं और खुले दिमाग से सामने आए हैं। ऐसे समय में किसी भी प्रकार के दबाव बनाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्ना वरिष्ठ नागरिक हैं और हम उनका सम्मान करते हैं।
लोकपाल विधेयक पर बहस और उसको पारित करने के लिए संसद का शीतकालीन सत्र 27 से 29 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 26, 2011, 15:39