संसद को चलने देने के प्रति सरकार गंभीर नहीं: जेटली,arun jetly

संसद को चलने देने के प्रति सरकार गंभीर नहीं: जेटली

संसद को चलने देने के प्रति सरकार गंभीर नहीं: जेटलीजम्मू : संसद में मत विभाजन कराए बगैर खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर चर्चा को ‘‘अतार्किक’’ करार देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने आज कहा कि सरकार सत्र चलने देने के प्रति गंभीर नहीं है। राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने कहा, ‘‘सरकार की यह दलील बेबुनियाद है कि मत विभाजन के बिना चर्चा करायी जानी चाहिए।

जेटली ने कहा, संसद के दोनों सदनों के कामकाज से जुड़े नियमों में मत विभाजन का प्रावधान है और ये नियम व्यर्थ ही नहीं हैं। भाजपा नेता ने कहा, बिना किसी उद्देश्य के ही वे लागू नहीं किए गए हैं । लोकतंत्र का मूल सार मतदान ही है और यह जनता की इच्छा है। जेटली ने कहा कि सरकार की इस दलील का कोई आधार नहीं है कि मुद्दे पर चर्चा तो करायी जाएगी लेकिन मत विभाजन नहीं कराया जाएगा।

भाजपा महासचिव ने कहा, मतदान और लोकतंत्र साथ चलते हैं । दोनों एक-दूसरे से अलग नहीं हैं । ऐसी अतार्किक एवं अस्वीकार्य दलीलें देकर सरकार अपनी यह मंशा दिखा रही है कि वह संसद के सत्र को चलने नहीं देना चाहती। पूर्व मंत्री गिरधारी लाल डोगरा की 25वीं पुण्य-तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने कहा, मेरा मानना है कि सरकार संसद सत्र चलने देने के प्रति गंभीर नहीं है। अफजल गुरू को फांसी से जुड़े एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, कानून अपना काम करेगा। आखिरकार मौत की सजा उच्चतम न्यायालय की ओर से सुनायी गयी है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर आए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से बातचीत करने से इंकार कर दिया। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 27, 2012, 17:51

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