संसद चलाने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सरकार की : भाजपा

संसद चलाने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सरकार की : भाजपा

संसद चलाने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सरकार की : भाजपानई दिल्ली : कोयला मंत्रालय की गुम फाइल पर प्रधानमंत्री के वक्तव्य पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बोलने का मौका नहीं देने से आहत भाजपा ने मंगलवार को सरकार को चेताया कि सहयोग की प्रक्रिया एकतरफा नहीं हो सकती और संसद चलाने की सबसे अधिक जिम्मेदारी सरकार की है।

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने संसद परिसर में पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘हमने महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में सरकार का सहयोग किया। लेकिन सहयोग की प्रक्रिया एकतरफा नहीं हो सकती है। संसद की कार्यवाही चलाने की सबसे अधिक जिम्मेदारी सरकार की होती है।’

उन्होंने कहा, ‘सरकार की रणनीति यह है कि शासकीय कार्य को आगे बढ़ाया जाए लेकिन जैसे ही जवाबदेही की बात आए.वह पीछे हट जाए। अगर यह सरकार की रणनीति है तो पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम संसद चलाना चाहते हैं लेकिन संसद नहीं चलने के लिए सरकार का रवैया जिम्मेदार है।’

प्रसाद ने कहा कि संसद की कार्यवाही नहीं चलने के लिए विपक्ष नहीं बल्कि सरकार का भ्रष्टाचार जिम्मेदार है। उधर, भाजपा प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘लोकसभा में प्रधानमंत्री के बयान पर विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज कुछ कहना चाहती थी लेकिन उनकी सीट पर लगा माइक बंद कर दिया गया। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कई बार कुछ कहने के लिए हाथ उठाया लेकिन उन्हें नहीं बोलने दिया गया।’

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या दुनिया में ऐसी कोई संसद देखी है जहां विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी जाती हो।’
हुसैन ने कहा, ‘यह संसद केवल कांग्रेस की नहीं है बल्कि सभी जन प्रतिनिधियों की है। हम मांग करते हैं कि लोकसभा में जिस तरह का माहौल है, उस पर चर्चा करायी जाए।’

उन्होंने कहा, ‘कागज के टुकड़ों को पढ़ देना, दौड़कर चले जाना और विपक्ष को बोलने नहीं देना ठीक नहीं है।’ प्रसाद ने कहा, ‘जब सोनियाजी विपक्ष की नेता थी तब क्या अटलजी ने उन्हें जवाब देने से कभी मना किया। जब मनमोहन सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे तब क्या अटलजी ने नियमों का हवाला देते हुए जबाब देने से मना किया। वास्तव में उनके (सिंह के) पास जवाब ही नहीं है।’

यह पूछे जाने पर कि संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित है, ऐसे में किस तरह से विधेयक पारित होंगे, प्रसाद ने कहा, ‘इस बारे में संतुलन बनाना सरकार का काम है।’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 3, 2013, 17:09

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