संसद में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा पर संग्राम, बीजेपी- सपा में आरोप- प्रत्यारोप

संसद में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा पर संग्राम, बीजेपी- सपा में आरोप- प्रत्यारोप

संसद में 84 कोसी परिक्रमा यात्रा पर संग्राम, बीजेपी- सपा में आरोप- प्रत्यारोपनई दिल्ली : अयोध्या में विहिप की चौरासी कोसी यात्रा पर रोक को जायज ठहराते हुए प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने इसे उच्चतम न्यायालय के कानून का अनुपालन बताया तो वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार देते हुए प्रदेश सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग की।

इस मुद्दे को लेकर हंगामे के कारण दो बार के स्थगन के बाद 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर फिर से यह मामला उठा। सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने उच्चतम न्यायालय, इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं विभिन्न अन्य अदालतों के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार केवल अदालत के आदेशों का पालन कर रही है जिनमें शीर्ष अदालत ने अयोध्या में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।

उन्होंने भाजपा के प्रति आक्रामक रूख अपनाते हुए कहा कि ये लोग न तो न्यायपालिका को मानते हैं और न ही संविधान को और राजनीतिक लाभ के लिए मनमानी करते हैं। मुलायम सिंह ने दावा किया कि अयोध्या में चौरासी कोसी यात्रा को रोकने में किसी तरह का बलप्रयोग नहीं किया गया है। उन्होंने भाजपा के इन आरोपों को गलत बताया कि संतों पर लाठियां चलायी गयीं।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में कुछ संतों ने भी बैठक करके इस यात्रा की निंदा की है और विहिप की यात्रा का न तो संतों ने और न ही जनता ने साथ दिया। भाजपा पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि इसके पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है और ये लोगों के बीच तनाव पैदा करके वोट की राजनीति के लिए यह सब कर रही है।

उधर, भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने सपा नेता पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विशुद्ध धार्मिक यात्रा थी जिसका राजनीति से कुछ लेना देना नहीं था। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक यात्रा रोक कर उप्र सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन किया है जिसके लिए उसे बख्रास्त किया जाना चाहिए। जारी :


सपा नेता मुलायम सिंह ने कहा कि सचाई यह है कि भाजपा और विहिप की लाख कोशिशों के बाद भी जनता ने इस यात्रा का साथ नहीं दिया और यात्रा में शामिल होने के लिए एक व्यक्ति भी नहीं आया। उन्होंने कहा कि मुद्दाविहीन भाजपा की हालत ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ जैसी हो गयी है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में शांति है और इसे बनाए रखने में प्रदेश की जनता और पुलिस प्रशासन, दोनों ने अच्छा काम किया है जिसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि विवादित स्थल रामजन्म भूमि है। अत: सरकार को चाहिए कि वह कानून बनाकर वहां राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे।

इसके बाद शून्यकाल शुरू होने पर अन्य सदस्यों द्वारा कुछ मुद्दे रखे जाने के बाद जदयू नेता शरद यादव ने पुन: इस मामले को उठाया और कहा कि कानून का राज होना चाहिए। सब तरह की आजादी होनी चाहिए लेकिन आजादी का मतलब यह नहीं कि बाकी लोगों की जिंदगी तबाही में फंस जाए। इसके बाद उन्होंने विश्व हिंदू परिषद पर कुछ टिप्पणी की जिसका भाजपा सदस्यों ने कड़ा प्रतिवाद किया। जदयू और भाजपा सदस्यों के बीच इस बात को लेकर तकरार शुरू हुई और दोनों दलों के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए।

हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से करीब आधा घंटा पहले ही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर यह मुद्दा उठा। सपा सदस्य अयोध्या से विहिप की चौरासी कोसी परिक्रमा के विषय को उठाते हुए आसन के समीप आ गए। सपा सदस्य भाजपा पर राज्य में माहौल खराब करने का आरोप लगा रहे थे। वहीं, भाजपा के गणेश सिंह समेत अन्य सदस्यों ने उत्तरप्रदेश में सपा के नेतृत्व वाली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।

भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में सपा के नेतृत्व वाली सरकार संतों को प्रताड़ित कर रही है और धार्मिक अनुष्ठान करने से रोका जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की गयी। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 26, 2013, 13:41

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