संसद से चाहते हैं बेहतर लोकपाल:टीम अन्ना - Zee News हिंदी

संसद से चाहते हैं बेहतर लोकपाल:टीम अन्ना



नई दिल्ली: मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए तीन दिन के अनशन पर जाने से पहले अन्ना हजारे और उनकी टीम ने रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संसद सदस्यों को पत्र लिखकर उनसे हरसंभव सर्वश्रेष्ठ कानून बनाने का अनुरोध किया है जिसमें लोकपाल के लिए स्वतंत्र जांच प्रकोष्ठ बनाने का प्रावधान शामिल हो।

 

टीम अन्ना ने अपने पत्र में कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ साल भर से चल रहे आंदोलन से जनता ऐसे कानून के इंतजार में है जो प्रभावी तरीके से भ्रष्टाचार से निपट सके।

 

पत्र के अनुसार, ‘देश के मिजाज को देखते हुए संसद ने विधेयक से जुड़े मुद्दों पर महत्वपूर्ण चर्चा का काम अपने हाथ में लिया है और इसके लिए हम अपने जन प्रतिनिधियों को धन्यवाद देते हैं।’

 

उन्होंने कहा, ‘हम विधेयक के मौजूदा मसौदे पर निराशा प्रकट करते हैं वहीं हम यह भी चाहते हैं कि जनता की संसद में चर्चा से यथासंभव सर्वश्रेष्ठ कानून सामने आना चाहिए।’ टीम अन्ना ने कहा, ‘हम अनुरोध करते हैं कि संसद में इन बिंदुओं पर विचार कर उन्हें पारित किया जाए ताकि देश को वास्तविक भ्रष्टाचार निरोधी कानून दिया जा सके। विधेयक के मसौदे में अन्य कई प्रावधानों के प्रति हमारा विरोध बना हुआ है और हम आने वाले सालों और महीनों में विधेयक में सुधार के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।’

 

हजारे पक्ष ने सांसदों से अनुरोध किया है कि लोकपाल और लोकायुक्तों को किसी से शिकायत के बिना अपने स्तर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच करने का अधिकार होना चाहिए।

 

अन्ना हजारे की टीम ने सांसदों को तीन सुझाव दिये हैं। टीम अन्ना ने कहा है, ‘सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा को लोकपाल में शामिल करना चाहिए और उसी तरह राज्यों में भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो और प्रदेश सतर्कता विभागों को लोकायुक्तों में मिला देना चाहिए या लोकपाल व लोकायुक्तों के पास अपनी जांच इकाई होनी चाहिए जिनके पास भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत मामलों को लेकर विशेष अधिकार होने चाहिए।’

 

पत्र के अनुसार सरकार के अपने पूर्ववर्ती मसौदे में भी दूसरा प्रावधान शामिल है।तीसरा सुझाव यह है कि लोकपाल के पास सीबीआई पर प्रशासनिक तथा वित्तीय नियंत्रण होना चाहिए एवं सीबीआई निदेशक की नियुक्ति किसी राजनीतिक नियंत्रण से मुक्त होनी चाहिए।

 

टीम अन्ना ने मांग की है कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के अधिकारियों को सीधे तौर पर लोकपाल.लोकायुक्तों के दायरे में लाना चाहिए। सरकारी विधेयक में कहा गया है कि लोकपाल निचली अफसरशाही के खिलाफ शिकायतों को सीवीसी को भेजेगा।

 

लोकपाल के चयन पर टीम अन्ना ने कहा है कि चयन समिति की आम सहमति से यह काम होना चाहिए।
पत्र के मुताबिक, ‘चयन समिति में प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के कॉलेजियम द्वारा नामित दो न्यायाधीश, सीएजी, सीवीसी और सीईसी होने चाहिए। नाम सुझाने वाली खोजबीन समिति में पूर्व प्रधान न्यायाधीश, पूर्व कैग, पूर्व सीवीसी और पूर्व सीईसी होने चाहिए। इसके लिए कानून में विस्तृत चयन प्रक्रिया निर्दिष्ट होनी चाहिए।’

 

टीम अन्ना ने कहा, ‘हम अपने सांसदों के समक्ष यह मांग इस उम्मीद और अपेक्षा के साथ कर रहे हैं कि वे इस पर संसद में विचार करेंगे और एक ऐसे विधेयक को पारित कराएंगे जिसमें ये प्रावधान हों।’

 

उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों के बिना लोकपाल विधेयक उन अन्य कानूनों की तरह ही होगा जो अब तक बेअसर साबित हुए हैं। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 26, 2011, 10:32

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