संसद हमले के शहीदों को देश ने किया याद - Zee News हिंदी

संसद हमले के शहीदों को देश ने किया याद

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली :
13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर हुए हमले में शहीद हुए नौ जांबाजों को श्रद्धांजलि देने के लिए आज तमाम दलों के नेता व सांसद मंगलवार सुबह संसद परिसर में जमा हुए। लेकिन शहीदों के परिवार से कोई भी इस श्रद्धांजलि समारोह में शामिल नहीं हुए।

 

शहीदों के परिवारवालों की शिकायत है कि सरकार ने उनसे जो वादे किए थे उसे पूरा नहीं किया गया। उनका कहना है कि संसद पर हमले के दोषियों को फांसी होनी चाहिए। उनको बख्शा नहीं जाना चाहिए। शहीद हेड कॉन्सटेबल चौधरी विजेंद्र सिंह के परिजनों का कहना है कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। हमारे बच्चे बेघर हो गए हैं। इस तरह के हमले और नहीं होने चाहिए। शहीद चौधरी विजेंद्र सिंह पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकांत के ड्राइवर थे।

 

भारतीय संसद पर हमले की आज दसवीं बरसी है। 10 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकवादियों ने संसद पर हमला किया था। हमले का संसद परिसर में तैनात सुरक्षा बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था और सभी पांच आतंकियों को मार गिराया था। बाद में इस हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसे बाद में कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। अफजल गुरु की फांसी पर दया याचिका फिलहाल राष्ट्रपति के पास है।

 

संसद पर हमले के दौरान शहीद दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब−इंस्पेक्टर नानक चंद का परिवार मुख्य आरोपी अफजल गुरु को फांसी मिलने में हो रही देरी से नाराज है। नानक चंद के परिवार ने कहा है कि जब तक अफजल को फांसी नहीं मिल जाती तब तक वे सरकार की ओर से दिए गए किसी भी सम्मान को नहीं लेंगे। सरकार ने नानकचंद की बहादुरी को देखते हुए उन्हें कीर्ति चक्र दिया था लेकिन उनके परिवार ने इसे लेने से मना कर दिया था। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 14, 2011, 00:53

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