Last Updated: Monday, September 3, 2012, 20:56

भोपाल : भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि कोयला घोटाले को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध का दूर करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
‘मुख्यमंत्री तीथदर्शन योजना’ के तहत रेल को हरी झंडी दिखाने के बाद आडवाणी ने संवाददाताओं से कहा कि पिछले गुरुवार को संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज को फोन कर ससंद में चल रहे गतिरोध को दूर करने के संबंध में बातचीत की थी।
आडवाणी ने कहा कि सुषमा स्वराज ने सोनिया को यही कहा था कि सरकार पहले आवंटित किए गए सभी 145 कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द करे और इस मामले में जैसा कि आरोप लग रहा है कि इसमें दी गई राशि सरकार के पास नहीं गई बल्कि राजनीतिक तरीके से उपयोग की गई, के समूचे मामले की एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए तभी गतिरोध दूर हो सकता है।
आडवाणी ने कहा कि इस घटना के दो दिन बाद एक बार फिर सोनिया गांधी ने सुषमा स्वराज से बातचीत की और इलाज के संबंध में विदेश जाने की सूचना देकर कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे आपसे बातचीत करेंगे।
आडवाणी ने बताया कि इसके बाद एक बार गृह मंत्री की सुषमा स्वराज से फोन पर बातचीत हुई थी लेकिन उनका कहना था कि आपने (भाजपा) जो प्रधानमंत्री के इस्तीफे की शर्त लगाई है उसे पूरा करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बाद गतिरोध दूर करने के लिए सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई, जिसके चलते आज भी संसद में गतिरोध बना रहा।
प्रधानमंत्री के इस्तीफे के संबंध में पूछ जाने पर आडवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे का संबंध घोटाले से है और हमने कांग्रेस को स्पष्ट कह दिया है कि एक ही तरह के मामले में दो तरह के पैमाने नहीं चल सकते, कि एक ओर तो 2जी घोटाले में ए. राजा और दयानिधि मारन से इस्तीफा ले लिया जाए और दूसरी तरफ कांग्रेस के लोगों को बचाया जाए।
उन्होंने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्य के वृद्धजनों के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के लिए चौहान की प्रशंसा की। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 3, 2012, 20:56