संसाधन-सक्षमता टिकाऊ विकास को जरूरी: PM

संसाधन-सक्षमता टिकाऊ विकास को जरूरी: PM

संसाधन-सक्षमता टिकाऊ विकास को जरूरी: PMनई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वैश्विक पर्यावरण एजेंडा और वैश्विक विकास एजेंडा एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि संसाधन सक्षमता टिकाऊ विकास के लिए आवश्यक शर्त है।

दिल्ली टिकाऊ विकास शिखर सम्मेलन (डीएसडीएस) के उद्घाटन में प्रधानमंत्री ने ने कहा कि समावेशी और टिकाऊ वैश्विक विकास मॉडल विकासशील देशों को उनके लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा। संसाधन-सक्षमता टिकाऊ विकास के लिए आवश्यक शर्त है और टिकाऊपन के आर्थिक स्तम्भ का एक महत्वपूर्ण अवयव है। वैश्विक पर्यावरण एजेंडा और वैश्विक विकास एजेंडा अब परस्पर जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 2020 तक 20 से 25 फीसदी कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, `जिस चीज की जरूरत है वह है नियामकीय व्यवस्था, जो पारदर्शी और जवाबदेह हो और जिसकी निगरानी की जा सके। मैं यह कहना चाहूंगा कि पर्यावरण सुरक्षा का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि विकास बाधित होगा या विकास का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचे।`

13वें डीएसडीएस का मुख्य विषय है `संसाधन सक्षम वृद्धि और विकास की वैश्विक चुनौती।` सम्मेलन का आयोजक द एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट (टेरी) है। यह सम्मेलन 2001 से हर साल नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है। सम्मेलन दो फरवरी को समाप्त होगा। इसमें गुयाना के राष्ट्रपति डोनाल्ड रामोटर, सिचेल्स के राष्ट्रपति जेम्स एलिक्स मिशेल और किरिबाटी गणराज्य के राष्ट्रपति एनोट टोंग भी भाग लेंगे। साथ ही कई अन्य देशों के प्रतिनिधि और नोबेल पुरस्कार विजेता विद्वान भी भाग लेंगे। (एजेसी)

First Published: Thursday, January 31, 2013, 14:51

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