Last Updated: Tuesday, April 10, 2012, 07:15
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन मानसिक विक्षिप्त व मूक-बधिर विदेशी नागरिकों पर अफसोस जताया जो अपनी सजा पूरी हो जाने के बाद भी भारतीय जेलों में कैद हैं। इनमें ज्यादातर पाकिस्तानी नागरिक हैं।
कोर्ट ने सवाल उठाया है कि इन नागरिकों की रिहाई के मुद्दे को उच्च स्तर पर क्यों नहीं रखा जाता। न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, 'ऐसे मामले हमें दुखी करते हैं। हम जानना चाहते हैं कि इन 16 लोगों के मामलों में कौन सी अड़चन, समस्या या बाधा है।'
अपनी सजा पूरी करने के बाद भी 16 विदेशी लोगों के जेल में कैद होने का मामला अदालत के सामने आया है। माना जाता है कि ये सभी पाकिस्तानी हैं। इनमें से 14 मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं और दो मूक-बधिर हैं। न्यायमूर्ति लोढ़ा ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की रविवार को हुई मुलाकात की ओर इशारा करते हुए पूछा, 'इन कैदियों की समस्या को उच्च स्तर पर क्यों नहीं उठाया जा सकता।'
अतिरिक्त महाधिवक्ता पी.पी. मल्होत्रा ने इस मामले में और समय मांगा है ताकि वह याचिकाकर्ता वकील भीम सिंह के साथ इस पर बात कर सकें। अदालत ने मामले में सुनवाई दो मई तक स्थगित कर दी है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 10, 2012, 15:54