सत्तारुढ़ यूपीए का हिस्सा बनी रहेगी एनसीपी : पटेल

सत्तारुढ़ यूपीए का हिस्सा बनी रहेगी एनसीपी : पटेल

सत्तारुढ़ यूपीए का हिस्सा बनी रहेगी एनसीपी : पटेलमुंबई : कांग्रेस के साथ चल रही तनातनी के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आज कहा कि वह सत्तारूढ़ संप्रग गठबंधन का हिस्सा बनी रहेगी। हालांकि, उसने इस बात पर नाखुशी जताई कि सरकार में उसकी राय पर विचार नहीं किया जा रहा है और केंद्र और महाराष्ट्र जहां वह सत्ता में भागीदार है वहां कांग्रेस के साथ ‘समन्वय का अभाव’ है।

कांग्रेस जिस तरीके से पार्टी से बर्ताव कर रही है उसके विरोध में शरद पवार नीत राकांपा ने संप्रग सरकार से हटने का फैसला किया था। उसने कहा कि सरकार उसकी अपेक्षाओं के अनुसार काम नहीं कर रही है।

राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ दिल्ली से पहुंचने के बाद यहां हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बात करते हुए प्रफुल्ल पटेल ने कहा, हम संप्रग में हैं और घटक दल के रूप में भविष्य में भी इसका हिस्सा बने रहेंगे। केन्द्र सरकार को हमारा समर्थन है और भविष्य में भी जारी रहेगा। पटेल ने कहा कि राकांपा की राय है कि एक प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष सरकार होनी चाहिए लेकिन उनकी पार्टी के नजरिए पर विचार नहीं किया जा रहा है।

अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और प्रदेश राकांपा प्रमुख मधुकर पिचड़, गृह मंत्री आर आर पाटिल समेत पार्टी के महाराष्ट्र के अन्य शीर्ष नेताओं के साथ पवार की बैठक के बाद पटेल ने कहा, सरकार का कामकाज हमारी अपेक्षाओं के अनुसार नहीं है। हमारी राय पर विचार नहीं किया जाता।

राकांपा आठ साल से कांग्रेस की स्थाई सहयोगी रही है। उसने सरकार के लिए तब संकट पैदा कर दिया जब कृषि मंत्री शरद पवार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर भारी उद्योग मंत्री पटेल के साथ सरकार छोड़ने की इच्छा जताई। पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में जहां पार्टी कांग्रेस नीत सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है, वहां भी स्थिति कुछ ‘भिन्न नहीं’ है।

पटेल ने कहा, दुर्भाग्य की बात है कि कामकाज बिना किसी समन्वय के चल रहा है। स्थिति महाराष्ट्र में भी वही है। उन्होंने बताया कि राज्य के पार्टी नेताओं ने पवार को इस बारे में बता दिया है।

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि समन्वय तंत्र की फिर से व्यवस्था की जाए ताकि महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो और फैसला किया जाए। इसके जरिए हम अच्छी सरकार प्रदान कर सकते हैं। हमारे नेता यहां कहते हैं कि समन्वय के अभाव में फैसला करने की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। पटेल ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में राकांपा सरकार में बराबर की भागीदार है और शासन में सुधार के लिए समन्वय को मजबूत बनाने की आवश्यकता है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कल कहा था कि उनके प्रदेश के राकांपा नेताओं से बहुत अच्छे संबंध हैं। इस बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, व्यक्ति विशेष पर चर्चा नहीं की गई। हम कारगर समन्वय चाहते हैं। महाराष्ट्र में दोनों सहयोगी दलों के बीच पर्याप्त समन्वय नहीं होने के आरोपों को खारिज करते हुए चव्हाण ने कल कहा था, समन्वय समिति की बैठक हुई है। अगर वे किसी खास फैसले को लेकर नाखुश हैं तो वे हमसे चर्चा कर सकते हैं।’महाराष्ट्र में राकांपा कथित तौर पर सिंचाई परियोजनाओं पर ‘श्वेत पत्र’ लाने के चव्हाण के फैसले से नाराज है। सिंचाई विभाग राकांपा के सुनील तटकरे के पास है।

इस बात के आरोप हैं कि विगत एक दशक में सिंचित क्षेत्रों में महज 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि उसपर 50000 करोड़ रुपये लगाए जा चुके हैं। राकांपा के पीडब्ल्यूडी मंत्री भुजबल भी दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।

पटेल ने कहा कि राकांपा के वरिष्ठ नेताओं की सोमवार को दिल्ली में बैठक बुलाई गई है, जिसमें पार्टी की भावी रणनीति पर फैसला किया जाएगा और इसे कांग्रेस को बता दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राकांपा ने हालांकि पहले ही कांग्रेस नेतृत्व को सूचित कर दिया है कि राकांपा संप्रग का हिस्सा बनी रहेगी। उन्होंने इन खबरों को खारिज कर दिया कि पवार संप्रग सरकार में नंबर दो की हैसियत नहीं दिए जाने से नाराज हैं। पटेल ने कहा, यद्यपि हम छोटे दल हैं लेकिन संप्रग को पवार की हैसियत और वरिष्ठता का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘राकांपा चाहती है कि संप्रग सरकार और महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार अच्छा करे और अपना कार्यकाल पूरा करे। (एजेंसी)

First Published: Saturday, July 21, 2012, 22:29

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