सनसनीखेज रिपोर्टिंग पर खुद नियमन करे मीडिया: SC

सनसनीखेज रिपोर्टिंग पर खुद नियमन करे मीडिया: SC

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि मीडिया में ‘संवेदनशील रिपोर्टिंग की जगह सनसनीखेज रिपोर्टिंग ने ले ली है।’ हालांकि, उसने साफ कर दिया कि मीडिया का नियमन करने का कोई भी प्रयास उसके अंदर से ही होना चाहिए।

न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा और न्यायमूर्ति ए के पटनायक की पीठ वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल की दलीलों का जवाब रहे थे कि प्रेस के एक हिस्से को संवेदनशील बनाने के लिए न्यायिक निगरानी की आवश्यकता है। मीडिया का एक वर्ग केरल के प्रसिद्ध श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर से संबंधित मामले की सनसनीखेज रिपोर्टिंग में शामिल है।

पीठ ने कहा, ‘मेरी दृढ़ राय है कि यह (नियम) अंदर से ही होना चाहिए। अगर स्थिति अराजक हो जाती है तब कानून के लिए मांग हो सकती है।’ पीठ ने कहा, ‘अगर हम संयम के साथ इसका इस्तेमाल करते हैं तो हमारी शक्ति का और सम्मान होगा।’

पीठ ने न्याय मित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रह्ण्यम को न्यायालय के समक्ष आवेदन दायर करने को कहा। सुनवाई के दौरान त्रावणकोर राज परिवार के मार्तंड वर्मा की तरफ से उपस्थित वेणुगोपाल ने मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट का यह कहते हुए उल्लेख किया कि राज परिवार और मामले में न्याय मित्र के संबंध में गलत तथ्य दिया गया है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 3, 2013, 22:58

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