Last Updated: Wednesday, July 24, 2013, 10:12

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने का मामला राज्य सूचना आयोग तक पहुंच गया है, जिस पर आयोग उचित कार्यवाही करने में जुट गया है। गौर हो कि मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
दरअसल, लखनऊ की आरटीआई कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा ने 13 जून को सपा के लखनऊ कार्यालय से सूचना मांगी थी। उन्होंने शहर के 19, विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर जनसूचना अधिकारी के नाम से पंजीकृत पत्र भेजा था। उर्वशी के मुताबिक, उनका पत्र इस नोट के साथ वापस आ गया कि सपा प्रदेश मुख्यालय पर जनसूचना अधिकारी पदनाम का कोई नहीं है।
उर्वशी ने बताया कि इससे स्पष्ट था कि सपा स्वयं को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने को तैयार नहीं थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल सरकार से वित्तीय मदद प्राप्त करते हैं, इसलिए वे जनता के प्रति जवाबदेह हैं। राजनीतिक दलों को बेशकीमती सरकारी जमीनें रियायती किराये पर मुहैया करावाई जाती हैं।
उर्वशी का कहना है कि इन पार्टियों पर जनता का पैसा खर्च होता है इसलिए ये आरटीआई की धारा 2(एच) के तहत आती हैं। केंद्रीय सूचना आयोग ने भी राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार के तहत लाते हुए राजनीतिक पार्टियों को जनसूचना अधिकारी नियुक्त करने और अपीलीय प्राधिकरण गठित करने का आदेश दिया था। उर्वशी ने बताया कि उन्होंने 22 जुलाई को सपा को आरटीआई के दायरे में लाने और पार्टी कार्यालय में जनसूचना अधिकारी नियुक्त कराने के लिए शिकायती वाद राज्य सूचना आयोग में दिया है, जिसे आयोग ने प्राप्त कर उस पर कार्यवाही शुरू कर दी है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 24, 2013, 10:12