Last Updated: Sunday, September 23, 2012, 23:05

लखनऊ/नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि समाजवादी पार्टी मध्यावधि लोकसभा चुनावों के लिए तैयार है। उन्होंने देश के कठिन आर्थिक हालात के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराया। अखिलेश ने यह भी कहा कि लोकसभा में 22 सदस्यों वाली उनकी पार्टी सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए संप्रग सरकार को समर्थन दे रही है लेकिन उन्होंने केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार में सपा के शामिल होने की संभावना को खारिज कर दिया।
उधर, भाजपा ने सपा पर संप्रग सरकार के साथ सौदा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ़ पार्टी केंद्र की संप्रग सरकार को अपना समर्थन जायज ठहराने के लिए ‘सांप्रदायिक कार्ड’ खेल रही है। माकपा ने संप्रग से तृणमूल कांग्रेस के बाहर होने के बाद जल्दी चुनाव होने की संभावना को तवज्जो नहीं दी। अखिलेश ने कल मथुरा में संवाददाताओं से कहा था, ‘जहां तक मध्यावधि चुनाव की बात है तो सपा तैयार है। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने स्पष्ट कहा है कि सपा ने सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए हमेशा कदम उठाए हैं।’
संप्रग सरकार में शामिल होने की संभावना को खारिज करते हुए अखिलेश ने कहा, ‘सरकार के पास सीमित समय बचा है ऐसे में कौन उसमें शामिल होना चाहेगा।’ समाजवादी पार्टी ने 20 सितंबर को खुदरा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और डीजल के दामों में वृद्धि के खिलाफ आयोजित भारत बंद में भाग लिया था।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए उन्हें देश के कठिनाई भरे आर्थिक हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया। गत शुक्रवार को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र के नाम दिए गए संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर उनके स्तर का कोई अर्थशास्त्री ऐसा जवाब देता है तो हमें निश्चित तौर पर इस पर ध्यान देना होगा।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री सिंह ने अपने संबोधन में टिप्पणी की थी, ‘पैसे पेड़ पर नहीं लगते।’ अखिलेश ने कहा, ‘किसानों और छोटे स्टोरों के माध्यम से जीवन निर्वाह करने वाले व्यापारियों को एफडीआई के आने से क्या फायदा होगा? समाजवादी पार्टी ऐसा कोई फैसला नहीं करेगी जो किसानों और छोटे कारोबारियों को प्रभावित करे।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 23, 2012, 23:05