Last Updated: Monday, December 3, 2012, 19:00

नई दिल्ली : सपा पर परोक्ष प्रहार करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आज कहा कि संप्रग का समर्थन करने वाली सभी पार्टियां यदि सरकार के खिलाफ मतदान करें तो खुदरा एफडीआई का निर्णय परास्त हो सकता है ,लेकिन लगता है कि सरकार ने ‘थोक कारोबार’ के जरिए वोटों की व्यवस्था कर ली है।
माकपा पोलितब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ सम्मेलन में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग पर प्रहार करते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही में पांच दिन तक बाधा पड़ने के लिए सरकार जिम्मेदार है क्योंकि सरकार इतने दिनों एफडीआई पर मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा कराने से भागती रही।
उन्होंने कहा कि हमने एफडीआई पर मत विभाजन वाले नियम के तहत चर्चा की मांग की थी। पांच दिन तक सरकार ने हमारी बात नहीं मानी। सरकार ने संसद की कार्यवाही नहीं चलने दी। पांच दिन कार्यवाही में बाधा के लिए सरकार जिम्मेदार है।
येचुरी ने कहा कि सरकार ने पांच दिन बाद यह मांग स्वीकार की। उसे मतों की व्यवस्था करने के लिए पांच दिन चाहिए थे। हमारे साथ एफडीआई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सडकों पर उतरे सपा, तेदेपा और जद-एस जैसे दल यदि एफडीआई के खिलाफ मतदान करें तो सरकार परास्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि एफडीआई का विरोध करने वाले सपा या बसपा यदि मत विभाजन के समय अनुपस्थित रहते हैं या फिर सरकार के पक्ष में मतदान करते हैं तो सरकार विजयी होगी।
झामुमो रिश्वत कांड और वोट के बदले नोट मामले का जिक्र करते हुए येचुरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को पता है कि मत कैसे अपने पक्ष में किये जाते हैं। कारोबार हो रहा है। शायद थोक कारोबार हो रहा है। कांग्रेस को इसका अनुभव है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, जद-एस नेता एच डी देवगौडा और तेदेपा नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने खुदरा एफडीआई के खिलाफ हुए प्रदर्शन में वाम नेताओं के साथ गिरफ्तारी दी थी। येचुरी ने कहा कि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है और वह वहां हार सकती है।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि यही वह पार्टी है जो अविश्वास प्रस्ताव लायी लेकिन बाद में सर्वदलीय बैठक में कहा कि एफडीआई पर वोटिंग के लिए वह दबाव नहीं डालेगी। ‘‘ पार्टियों को इस मुद्दे पर ईमानदारी से वोट करना चाहिए।’’ येचुरी ने संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ की इस बात को फिजूल बताया कि एफडीआई पर मत विभाजन में केवल एक ही सदन में विजयी होना है। उन्होंने कहा कि वाम दल कमलनाथ की इस बात को नहीं मानते। दोनों ही सदनों में सरकार को जीतना होगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 3, 2012, 19:00