Last Updated: Tuesday, February 28, 2012, 07:16
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर समलैंगिकता के मुद्दे पर रुख बदलने पर मंगलवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने चेतावनी दी है कि सरकार सिस्टम का मजाक न बनाए और अदालत का वक्त बर्बाद न करे।
अपने रूख से पलट केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध के दायरे से बाहर लाने का पक्ष लिया। केंद्र के बदलते रूख पर नाराजगी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि सरकार को सिस्टम का ‘मजाक’ नहीं बनाना चाहिए।
इस विवादित मामले में कार्यवाही शुरू होने पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल मोहन जैन ने पीठ से कहा कि सरकारी फैसले के मुताबिक 2009 में समलैंगिक यौन संबंध को अपराध के दायरे से बाहर करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में कोई कानूनी त्रुटि नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से कोर्ट में उपस्थित जैन का रूख केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस मामले में हाजिर हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल पीपी मल्होत्रा की दलील से उलट है जिन्होंने इसका विरोध किया था।
सरकार के बदलते रूख पर कड़ी टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय ने केंद्र की खिंचाई की और उनसे कहा, ‘व्यवस्था का ‘मजाक’ नहीं बनाइए। एएसजी मल्होत्रा पहले ही इस मामले में तीन घंटों से ज्यादा दलील दे चुके हैं। अदालत का समय बर्बाद नहीं कीजिए।’ पीठ ने जैन को कहा, ‘हमनें गृह मंत्रालय द्वारा रखी गई दलीलों को लिखा। इसलिए अब आप अपने मंत्रालय का रूख बताइए।’ कोर्ट ने जैन को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से समलैंगिक यौन संबंध को अपराध के दायरे से बाहर रखने के पक्ष में दलील रखने की इजाजत दी।
मामले में 23 फरवरी को पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने समलैंगिक यौन संबंध को अपराध के दायरे से मुक्त किए जाने पर असहमति जताते हुए इसे ‘बेहद अनैतिक’ करार दिया था लेकिन बाद में उसने अपना रूख बदल लिया जिसकी पीठ ने तीखी आलोचना की ।
First Published: Wednesday, February 29, 2012, 00:08