Last Updated: Saturday, October 1, 2011, 16:00
मुंबई : भारतीय तटों के समीप जलदस्युओं की गतिविधियों में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस जरूरत पर बल दिया कि सुरक्षा कारणों को देखते हुए समुद्री गतिविधियों पर पर्याप्त भारतीय नियंत्रण सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
भारतीय जहाजरानी निगम के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी उद्योग सुरक्षा के माहौल में ही पनप सकता है. जल दस्युओं के कारनामे और पोतों को सशस्त्र लोगों द्वारा लूटे जाने की घटनाएं हम सभी लोगों के लिए चिंता का कारण हैं, विशेषकर जहाजरानी उद्योग के लिए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अरब सागर में जलदस्युओं के हमले और अभी हाल में हिन्द महासागर में ऐसी घटनाएं हुई जो जलदस्युओं के कारनामों से त्रस्त अदन की खाड़ी से काफी दूर है. इन घटनाओं से हमारे लिए गंभीर खतरा पैदा हुआ है क्योंकि इससे बड़ी संख्या में भारतीय नाविकों और जहाजों तथा समुद्र के जरिये होने वाले हमारे व्यापार के लिए जोखिम पैदा हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘इस समस्या से निपटने के लिए हमारी नौसेना, तटरक्षक बल और जहाजरानी कंपनियां अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल कर सम्मिलित प्रयास कर रहे हैं.’ मनमोहन ने कहा, ‘हमारे समुद्री क्षेत्र में नौवहन बंदरगाह, जहाजों का निर्माण और मरम्मत शामिल है. यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. हमें इस क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए.’
मनमोहन ने यह भी कहा, ‘बहरहाल, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी समुद्री गतिविधियों पर पर्याप्त भारतीय नियंत्रण हो ताकि हमारी समुद्री सुरक्षा बहाल रहे.’
(एजेंसी)
First Published: Saturday, October 1, 2011, 21:30