Last Updated: Monday, February 27, 2012, 12:24

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सोमवार को कहा कि समुद्री लूटपाट के मामले चिंताजनक तरीके से बढ़ रहे हैं और वास्तविक समस्या जमीन पर है जहां शक्तिशाली लोग जलदस्युओं का समर्थन कर रहे हैं। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए एंटनी ने कहा कि क्षेत्र बहुत जटिल है।
उन्होंने कहा, समुद्री लूटपाट के मामले चिंताजनक तरीके से बढ़ रहे हैं। समुद्री लूटपाट की चुनौती से अभी प्रभावी तरह से नहीं निपटा जा सका है। आम सहमति है कि जलदस्युओं को समुद्री क्षेत्र में प्रभावहीन किया जा सकता है लेकिन वास्तविक समाधान जड़ों पर ध्यान देने में है, जो जटिल हैं और वास्तव में जमीन पर हैं।
एंटनी ने कहा, इस समय समुद्री लूटपाट के मुद्दे पर ध्यान देने की वास्तविक समस्या है। जलदस्यु तो केवल सामने दिख रहे हैं। उनके पीछे तो शक्तिशाली लोग हैं। भारतीय नौसेना ने जलदस्यु संभावित इलाकों से मालवाहक जहाजों के गुजरने के लिए 2008 से अदन की खाड़ी में युद्धपोत तैनात कर रखे हैं।
मंत्री ने कहा कि भारत ने समुद्री लूटपाट की घटनाओं को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र के समक्ष कुछ प्रस्ताव रखे हैं, जिनके लिए आम सहमति वाले और सहयोगात्मक प्रयास जरूरी हैं।
आईओआर में चीन जैसे देशों की बढ़ती मौजूदगी और रुचियों की पृष्ठभूमि में एंटनी ने कहा, क्षेत्र दुर्भाग्य से कई वैश्विक चिंताओं का पोषक बन गया है जिससे हिंद महासागर जटिल क्षेत्र बन गया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में नयी साझेदारियां बन रहीं हैं और पुरानी चिंताएं फिर से जीवंत हो रही हैं।
एंटनी ने कहा कि क्षेत्र में वार्ताकारों के रणनीतिक हितों को जगह देना अपरिहार्य है। उन्होंने कहा, प्रमुख जरूरत अंतरराष्ट्रीय कानून के नियामक सिद्धांतों के अनुरूप समुद्री क्षेत्र की व्यवस्था को संभालना है। उन्होंने कहा, आईओआर में परिणाम तीव्र राजनयिक गतिविधियों की सतत हलचल और बड़ी महाशक्तियों द्वारा किये गये व्यापक सैन्य निवेश के नतीजतन हैं।
एंटनी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र खाद्य सामग्रियों की कमी, पर्यावरण क्षय, मछलियों के कम होते क्षेत्र आदि का भी सामना कर रहा है और इन मुद्दों पर सहयोगात्मक कार्रवाई की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 27, 2012, 17:54