Last Updated: Monday, August 27, 2012, 11:49

नई दिल्ली : केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोयला खण्ड आवंटन पर संसद के दोनों सदनों में बयान देंगे। उन्होंने विपक्ष से, खासतौर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री को बोलने दिया जाए।
भाजपा का जिक्र करते हुए शुक्ला ने कहा कि बहस होने दिया जाए। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि संसदीय लोकतंत्र में एक व्यक्ति को दूसरे की बात भी सुननी चाहिए। बहस के जरिए अपनी बात कहिए। जो भी आलोचना करनी है, उसे बहस के जरिए कीजिए। शुक्ला ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रपट पर दोहरा मापदंड अपनाने का भी भाजपा पर आरोप लगाया।
ज्ञात हो सीएजी ने इस महीने के शुरू में अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि निजी कम्पनियों को कोयला खण्ड आवंटन में पारदर्शिता के अभाव के कारण सरकारी खजाने को 1.85 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इससे पहले, खबर यह थी कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के मद्देनजर कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर आज संसद में बयान देंगे। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री पर हमले करता रहा है।
प्रधानमंत्री 2005-2009 में कोयला ब्लॉक आवंटन के दौरान कोयला मंत्री भी थे और इसीलिए विपक्ष उन्हें निशाना बना रहा है । वह पिछले हफ्ते से बयान देने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष, खासकर भाजपा द्वारा संसद में गतिरोध पैदा किए जाने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। सूत्रों ने बताया कि वह यह कहकर कैग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन कर सकते हैं कि 1.85 लाख करोड़ के नुकसान के ‘भ्रामक’ आकलन में ‘खामियां’ हैं। प्रधानमंत्री द्वारा अपने जवाब में इस बात पर जोर दिए जाने की संभावना है कि गैर संप्रग सरकार शासित छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, ओड़िशा और झारखंड ने 2005 में नीलामी प्रक्रिया के लिए कानून लाए जाने के केंद्र के कदम का विरोध किया है। कैग की रिपोर्ट में कोयला ब्लाक आवंटन में विलम्ब का भी आरोप लगाया गया है।
मनमोहन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह ‘उठाए जा रहे सभी मुद्दों पर संतोषजनक जवाब दे सकते हैं।’ कैग के इस आकलन पर कि 2005 से 2009 के बीच कोयला ब्लाक आवंटन में निजी कंपनियों को 1.85 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ, प्रधानमंत्री कह सकते हैं कि रिपोर्ट में ‘खामियां’ हैं। प्रधानमंत्री कह सकते हैं कि कैग ने अपना आकलन 57 खदानों के आवंटन के आधार पर दिया है, लेकिन इनमें से 31 कोयला ब्लॉक 2006 से पहले की अवधि के हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 27, 2012, 11:49