Last Updated: Wednesday, May 22, 2013, 10:01
नई दिल्ली : केंद्र में संप्रग-2 के चार साल पूरा करने के बाद इसके घटक राकांपा ने कहा कि सरकार को बहुत कुछ सुधार करने की जरूरत है और वह यह सुनिश्चित करे कि सुशासन के संदर्भ में उसने लोगों का भरोसा हासिल कर लिया है।
राकांपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि निश्चित तौर पर सोच से जुड़े मुद्दे हैं। सोच के संदर्भ में सरकार को बड़े पैमाने पर सुधार करने की जरूरत है। उधर, पार्टी महासचिव और सांसद डीपी त्रिपाठी ने कहा कि हमने संप्रग का नेतृत्व कर रही पार्टी या सरकार के सामने कोई शर्त नहीं रखी थी। इन नौ साल में एक सबक सीखा जाना चाहिए कि हमने कांग्रेस और संप्रग का सतत समर्थन किया लेकिन दुर्भाग्य से कांग्रेस ने हमें सहयोग नहीं दिया।
एक सवाल का जवाब देते हुए त्रिपाठी ने कहा कि संप्रग कोई बोझ नहीं है, बल्कि एक पूंजी है। यदि ऐसी बात होती तो हम इसका हिस्सा कैसे होते। जब उनसे पूछा गया कि क्या घोटालों और स्कैंडल के आरोपों से घिरे होने की स्थिति में संप्रग के गठबंधन में संशोधन की जरूरत है, इस पर राकांपा नेता ने कहा कि इस बात पर जोर होना चाहिए कि जब भी भ्रष्टाचार हुआ, गठबंधन सहयोगियों ने इसका विरोध किया। फिर चाहे राष्ट्रमंडल खेल घोटाला हो या 2जी घोटाला।
त्रिपाठी ने कहा कि संप्रग को कानूनों को तेजी से लागू करने की जरूरत है ताकि दोषियों पर तेजी से कार्रवाई हो सके। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 22, 2013, 10:01