Last Updated: Thursday, February 21, 2013, 13:49

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को महिलाओं के विरुद्ध यौन अपराध की घटनाओं को लेकर गहरी चिंता है। यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रवधान करने के लिए अपराध कानून को संशोधित करते हुए एक अध्यादेश लाया गया है। संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, "न्यायमूर्ति जे. एस. वर्मा समिति की सिफारिशों पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाया है, ताकि कानून में संशोधन कर महिलाओं के विरुद्ध जघन्य यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किया जा सके।"
राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने कई प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय नारी सशक्तीकरण मिशन की ओर से 100 जिलों के सरकारी अस्पतालों में `वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर` नाम से एक पायलट परियोजना लागू की जाएगी। इसमें हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने की सुविधाएं होंगी।"
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाने की पहल की है। बाल यौन अपराध निरोधक अधिनियम ऐसा ही कानून है, जिसमें ऐसे अपराध करने वाले या इसके लिए उकसाने वाले व्यक्ति को सख्त सजा देने का प्रावधान है।
मुखर्जी ने कहा, "कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने संसद में `कार्यस्थल पर महिलाओं की यौन प्रताड़ना (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) विधेयक, 2012 लाया था, जिसे लोकसभा से पारित किया जा चुका है।" (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 21, 2013, 13:49