Last Updated: Friday, December 2, 2011, 10:49
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी नई दिल्ली/डानकुनी (पश्चिम बंगाल) : रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर ममता बनर्जी ने यूपीए सरकार को सहयोग करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसानों का नुकसान किसी कीमत पर नहीं होने देंगी। खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर संप्रग सरकार के फैसले के प्रति अपने विरोध पर कायम रहते हुए तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि उनकी पार्टी सरकार को गिराना नहीं चाहती लेकिन रिटेल सेक्टर में विदेशी निवेश के मुद्दे पर समर्थन भी नहीं करेगी।
आज सुबह रिटेल सेक्टर में एफडीआई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घटक दल तृणमल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की और रिटेल सेक्टर में विदेशी निवेश के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस से सहयोग मांगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने हुगली जिले में एक प्रशासनिक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझसे फोन पर बातचीत की। मैंने प्रधानमंत्री से खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर बात की। मैंने उन्हें बताया कि हम सरकार को इस मुद्दे पर गिराना नहीं चाहते। यह एक काफी संवेदनशील मुद्दा है। लेकिन इसी के साथ हमारे लिए खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति दिए जाने का समर्थन करना संभव नहीं है। इसके लिए मैं माफी चाहती हूं।
उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि चूंकि आप मुझसे अनुरोध कर रहे हैं, इसलिए हम पार्टी में इस बारे में विचार-विमर्श कर सकते हैं। लेकिन हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट है। ममता ने प्रधानमंत्री से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सरकार को संप्रग के सभी घटक दलों से बातचीत करनी चाहिए और सुझाव मांगने चाहिए। उसे यह सुनिश्चित कराना चाहिए कि इस फैसले को वापस ले लिया जाए।
ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुझसे अनुरोध किया कि (इस मुद्दे पर) मेरी पार्टी के रुख पर मैं पुनर्विचार करूं। मैंने उनसे अनुरोध किया कि क्या केंद्र इस फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है। हमारा इस मुद्दे पर एक निश्चित रुख है। इस पर हमारी पार्टी का रुख हमारे चुनावी घोषणा पत्र में घोषित हो चुका था। उन्होंने दावा किया कि किसानों को उंचे दामों पर उर्वरक खरीदने के लिये मजबूर किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है? केंद्र इसके लिए जिम्मेदार है। केंद्र ने जूट उत्पादकों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का अपना वादा भी नहीं निभाया। हमें हमारे किसानों का संरक्षण करना होगा। यह हमारी सरकार की नीति है।
ममता की पार्टी खुदरा एफडीआई पर सरकार के फैसले का विरोध कर रही है । प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि सिंह ने ममता से फोन पर बात की । माना जा रहा है कि उन्होंने एफडीआई मुद्दे पर तृणमूल का समर्थन मांगा है और ममता को केंद्र के इस फैसले के फायदे समझाए। वहीं, प्रधानमंत्री ने गुरुवार को सहयोगी दलों के नेताओं के साथ बैठक की।
उधर, तृणमूल कांग्रेस नेता और सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने नई दिल्ली में बताया कि उनकी पार्टी चाहती है कि सरकार खुदरा क्षेत्र में एफडीआई पर फैसला वापस ले। तृणमूल कांग्रेस अपने रुख पर कायम है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान और वर्ष 2006 तथा 2011 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी का यही रुख था। खुदरा क्षेत्र में एफडीआई आने के फायदे कम और नुकसान ज्यादा हैं। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस संप्रग में दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है। लोकसभा में उसके 18 सदस्य हैं।
First Published: Saturday, December 3, 2011, 18:34