Last Updated: Monday, February 6, 2012, 11:45
नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना आयोग ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह प्रसार भारती के कामकाज पर सीवीसी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। इस रिपोर्ट में प्रसार भारती के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी एस लाली को दोषी बताया गया है।
प्रसारण अधिकारों के आवंटन में कथित धांधली और वित्तीय कुप्रबंधन का ब्यौरा देने वाली इस रिपोर्ट को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यह कहते हुए सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था कि इससे जांच प्रक्रिया बाधित होगी। यह मामला एक आरटीआई (सूचना के अधिकार) आवेदनकर्ता असीम तकयार से संबंधित है, जिसने मंत्रालय से प्रसार भारती के तत्कालीन सीईओ लाली के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) तथा महानियंत्रक एवं लेखा परीक्षक की रिपोर्ट मांगी थी।
मंत्रालय ने कहा कि आपने आवेदन के जरिए जो सूचना मांगी है , वह एक ऐसे मामले से संबंधित है जिसकी जांच चल रही है । ऐसे में सूचना उपलब्ध कराने से जांच प्रक्रिया बाधित होगी और इसीलिए सूचना से इनकार किया जाता है। जिस नियम के तहत मंत्रालय ने सूचना नहीं देने की बात कही है, वह ऐसी सूचना को रोकने की अनुमति प्रदान करता है जिससे जांच की प्रक्रिया बाधित होती हो या सरकारी विभाग द्वारा चूककर्ताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की प्रक्रिया में अड़चन आती हो।
(एजेंसी)
First Published: Monday, February 6, 2012, 19:16