सरकार हम चलाएं और देश आप, नहीं चलेगा: जायसवाल

सरकार हम चलाएं और देश आप, नहीं चलेगा: जायसवाल

सरकार हम चलाएं और देश आप, नहीं चलेगा: जायसवाल कानपुर : प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर विपक्ष द्वारा संसद की कार्रवाई बाधित करने को तानाशाही करार देते हुये केन्द्रीय कोयला मंत्री ने आज कहा कि देश के जो राज्य अपने यहां एफडीआई लागू करना चाहते है उन्हें विपक्ष क्यों नही लागू करने दे रहा है, ऐसा कैसे हो सकता है कि देश आप चलायें और सरकार हम चलायें यह तो सरासर विपक्ष की तानाशाही है और यह संभव नही हो सकता ।

उन्होंने कहा कि सदन का पिछला सत्र तथा कथित कोयला घोटाले के नाम पर विपक्ष ने नाटक कर बरबाद कर दिया जबकि कोई घोटाला हुआ ही नही था और सदन के इस सत्र में विपक्ष एफडीआई के नाम पर नाटक कर रहा है । हमें कोई बताये जब केन्द्र सरकार ने यह छूट दे दी है कि जो राज्य चाहें अपने यहां एफडीआई लागू करें और जो न चाहें अपने यहां न लागू करें तब क्या समस्या है । यह तो विपक्ष की तानाशाही है कि जो राज्य अपने यहां एफडीआई लागू करना चाहते है आप उन्हें भी रोक रहे है । अगर विपक्ष को एफडीआई का विरोध है तो वह अपने राज्यों में एफडीआई न न लागू करें ।

आज कानपुर स्थित अपने घर पर केन्द्रीय मंत्री और कानपुर के सांसद जायसवाल ने कहा कि संसद का पिछला सत्र विपक्ष ने तथा कथित कोयला घोटाले के नाम पर नही चलने दिया जबकि सचाई यह है कि कोयले में कोई घोटाला ही नही हुआ था और अब यह सारी सच्चाई जनता और सबके सामने आ गयी है ।


जायसवाल ने सीएजी पर सवाल उठाते हुये कहा कि ‘‘ सीएजी का किसी मामले का आकलन का तरीका क्या है । लोग कहते है कि सीएजी पर उंगली उठायी जा रही है आखिर क्यों न उंगली उठाई जायें अगर कोई आकलन सीएजी करेंगा तो उससे यह तो पूछा ही जा सकता है कि आपके आकलन का तरीका क्या है जो समझ में आया कह दिया । ऐसा ही सीएजी ने टूजी घोटाले में किया । अब कोयला ब्लाक की बिडिंग एक दो महीने में होगी तो सामने आ जायेंगा कि कोयले में कितना घोटाला हुआ है । ’’ उन्होंने कहा कि कोयले का उत्पादन बढ़ाने के लिये प्राइवेट सेक्टर को 1993 से लगातार कोल ब्लाक दिये गये और यह काम सभी सरकारों ने कियें । 2009 से जबसे यूपीए 2 की सरकार आई है कोई कोल ब्लाक आवंटन नही किया गया । हां यह यह संभव था कि जिन लोगो को कोयला ब्लाक दिये गये उन्होंने निचले स्तर पर कोई गलत जानकारी तो नही दी इसकी जांच सीबीआई कर रही है । इस मामले में अभी तक नौ एफआईआर हो चुकी है । जिन कोयला ब्लाकों का प्रदर्शन कमजोर था उनकी जांच इंटर मिनिस्ट्रियल ग्रुप आईएमजी कर रहा है । आईएमजी ने जो रिकमेंडेशन दी है उन सारी रिकमेंडेशंस को हमने ज्यों का त्यों मंजूर कर लिया है ।

उन्होंने कहा कि अभी तक 16 कोयला ब्लाक प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के रद्द किये जा चुके है, हम जो कर सकते है वह किया जा रहा है लेकिन कोई अगर यह उम्मीद करे कि सरकार कोई नीति लागू करें और निचले स्तर पर कोई बेईमानी न हो इसके लिये सरकार कुछ नही कर सकती है जब तक कोई शिकायत न आयें । अगर सरकार के पास शिकायत आयेंगी तो उसकी जांच सीबीआई करेंगी । उन्होंने अभी और कोयला ब्लाको के रदद होने की संभावनाओं से इंकार नही किया ।

कोयला मंत्री जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विपक्षी पार्टियों से पूछना चाहिये कि आपने पिछला संसद सत्र क्यों ठप्प किया था । जब कोयला घोटाले जैसा कोई मुददा ही नही था तो फिर संसद सत्र ठप्प करने का आखिर क्या औचित्य था । उन्होंने कहा कि विपक्ष यह मुददा उठा सकता था कि आपने इतने कोयला ब्लाक दिये उनका प्रदर्शन क्या रहा लेकिन यह कहना है कि कोयला ब्लाक आवंटन में कोई घोटाला हुआ था तो विपक्ष का यह आरोप पूरी तरह से गलत है । एक दो माह में कोल ब्लाको की बिडिंग होने की संभावना है दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा और विपक्ष को पता चल जायेगा कि इस तथाकथित कोयला घोटाले की क्या हकीकत है और कोई घोटाला हुआ भी था या नही । उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुददा तो है नही पिछली बार उसने कोयला ब्लाक में घोटाले के नाम पर नाटक किया था और संसद की कार्रवाई ठप्प की थी इस बार वह एफडीआई को मुददा बना रहा है जबकि यह कोई मुददा ही नही है क्योंकि जब सरकार ने साफ साफ कह दिया है कि जो राज्य चाहें अपने यहां एफडीआई लागू करे और जो राज्य न चाहें एफडीआई न लागू करें तो फिर इतना हंगामा किस बात का । (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 2, 2012, 17:40

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