Last Updated: Wednesday, March 21, 2012, 04:23
जयपुर : आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने कहा है कि सरकार को सरकारी स्कूल बंद कर देना चाहिए क्योंकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते पर चले जाते हैं।
रविशंकर ने आदर्श शिक्षा समिति के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘सरकार को सरकारी स्कूलों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़े बच्चे नक्सलवाद और हिंसा के रास्ते चले जाते हैं। निजी स्कूलों में पढ़े बच्चे संस्कारवान होते हैं।
रविशंकर ने आदर्श शिक्षा समिति से अपील की कि वे नक्सलवाद प्रभावित इलाकों में स्कूल शुरू करें क्योंकि उन इलाकों में इस तरह के स्कूल पहुंच नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि समिति द्वारा नक्सलवाद से ग्रस्त क्षेत्रों में स्कूल शुरू करेंगे तो बच्चे पढ़ने-लिखने के साथ ही संस्कारवान बनेंगे जिसकी आज के हालात में जरूरत है।
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया कि सरकारी विद्यालय नक्सलवाद के पनपने के लिए आधार मुहैया कराते हैं। शिक्षाविदों और मंत्रियों ने उनकी इस टिप्पणी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण और तर्कहीन’ करार दिया। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने टिप्पणी पर हैरानी जताते इस बात पर प्रश्नचिह्न खड़ा किया कि क्या सरकारी विद्यालयों से पढ़कर जीवन के हर क्षेत्र में उच्च पदों पर आसीन होने वाले लोग नक्सली हैं।
रविशंकर ने कल शाम जयपुर के पास स्थित एक विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को शिक्षा का निजीकरण करके सरकारी विद्यालयों को बंद कर देना चाहिए क्योंकि वे नक्सलवाद को जन्म देते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को कोई स्कूल नहीं चलाना चाहिए। अक्सर पाया जाता है कि सरकारी स्कूल से पढ़े हुए बच्चे ही नक्सलवाद ओैर हिंसा के मार्ग पर चले जाते हैं।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, March 22, 2012, 10:55