Last Updated: Sunday, February 5, 2012, 15:08
बेंगलूर : एंट्रीक्स-देवास समझौते के विभिन्न पहलुओं पर उच्चाधिकार समीक्षा समिति की जारी रिपोर्ट में इन बातों को खारिज किया गया है कि इससे राजस्व को काफी नुकसान हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी कंपनी को सस्ते में स्पेक्ट्रम बेचने की चिंता का कोई आधार नहीं है।
बीके चतुर्वेदी और प्रोफेसर रोडम नरसिम्हा की समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, अंतरिक्ष स्पेक्ट्रम की तुलना धरती के स्पेक्ट्रम से नहीं की जा सकती। समिति का गठन समझौते के तकनीकी, व्यावसायिक, प्रक्रियागत और वित्तीय पहलुओं की समीक्षा के लिये किया गया था। इसने प्रधानमंत्री को मार्च 2011 में अपनी रिपोर्ट सौंपी।
इसने कहा कि देवास को ग्राहकों को सेवा उपलब्ध कराने के लिये दूरसंचार विभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से भी लाइसेंस हासिल करना था। इसके अलावा भी इसके कई मंजूरी हासिल करनी थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देवास के साथ समझौता स्पेक्ट्रम को कम कीमत पर बेचना नहीं दर्शाता है। बहरहाल इसमें कुछ वित्तीय और रणनीतिक खामियां हैं। अंतरिक्ष विभाग ने शनिवार रात इस रिपोर्ट को जारी किया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 5, 2012, 20:38