Last Updated: Saturday, September 21, 2013, 19:25

नई दिल्ली : अंतर-धार्मिक एवं सांप्रदायिक हिंसा को ‘उन्माद’ का प्रदर्शन करार देते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि महज कुछ लोगों को जिम्मेदार करार नहीं देना चाहिए क्योंकि ‘हमारी निष्क्रियता’ ने एक ऐसा माहौल तैयार किया है जहां हिंसा ही हिंसा को पैदा करती है। ‘हमारे बीच’ सद्बुद्धि वापस लौटने की अपील करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह कहने का वक्त आ गया है कि बस अब बहुत हो गया।
राष्ट्रपति भवन में ‘अखिल भारतीय अहिंसा परमो धर्म जागरूकता अभियान’ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा, ‘मानवता अब इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकती। हमें निश्चित तौर पर मानवता और सभ्यता को बचाना होगा। यह सिर्फ संसद या कानून का पालन कराने वाली एजेंसियां नहीं कर सकतीं। समाज के सामूहिक प्रयासों से ही इसे हासिल किया जा सकता है।’ मुखर्जी ने कहा कि वक्त की मांग है कि देश अपने नैतिक मूल्यों पर फिर से विचार करे।
उन्होंने कहा, ‘हिंसा की हर हरकत से हम बार-बार ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाते हैं। हिंसा की हर वारदात से हम बार-बार महात्मा गांधी की हत्या करते हैं।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘महज कुछ लोगों को समाज में हिंसा के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। आम तौर पर हमारी उदासीनता और हिंसा को सहन करने की आदत दोनों ही दोषी हैं। हमारी अक्षमता ने एक ऐसा माहौल तैयार किया है जहां हिंसा ही हिंसा को पैदा करती है ।’
शांति, सद्भाव एवं अहिंसा के संदेश के प्रसार के लिए सामूहिक प्रयास करने की अपील करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘अपनी माताओं, बहनों और बेटियों की रक्षा करने में नाकाम और उनका सम्मान न कर पाने वाला देश खुद को सभ्य नहीं कह सकता ।’ एक हिंसा-मुक्त समाज बनाने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, ‘अहिंसा एवं शांति हमारी सभ्यता की प्राथमिक शिक्षा है। कोई धर्म हिंसा नहीं सिखाता। हर धर्म प्रेम, दया और सेवा की बात करता है ।’
मुखर्जी ने कहा, ‘भारत की सभ्यता पांच हजार साल पुरानी है जहां भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने अहिंसा का उपदेश दिया। भारत ने हमेशा सभी धर्मों, विश्वासों, धार्मिक रिवाजों और परंपराओं को जगह दी है।’ लोगों से इतिहास पर फिर से गौर करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि लोग सिर्फ उन्हीं को याद करते हैं जिन्होंने अहिंसा की वकालत की, न कि उन्हें जो विजेता या शासक थे। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 21, 2013, 19:25