सांसद के शव को बताया लावारिस - Zee News हिंदी

सांसद के शव को बताया लावारिस

नई दिल्ली : राज्यसभा में शुक्रवार को जब सपा नेता मोहन सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता ब्रजभूषण तिवारी के निधन के बाद सरकारी अस्पताल और पुलिस द्वारा उनके शव के प्रति दिखाये गये कथित असम्मान और बेरूखी का मुद्दा उठाया तो सत्ता पक्ष सहित लगभग सभी सदस्यों ने इसे शर्मनाक करार देते हुए पूरे मामले की जांच और मामले को सदन की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की मांग की।

 

संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने इस मामले से उद्विग्न सदस्यों को शांत कराते हुए कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है। ऐसा किसी भी सदस्य के साथ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में सदस्यों की भावना से गृह मंत्री को अवगत करायेंगे और जांच के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

इससे पूर्व यह मामला उठाते हुए मोहन सिंह ने कहा कि 24 अप्रैल की रात तिवारी राजधानी के शालीमार बाग स्थित अपने फ्लैट में अकेले थे। जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा तो उन्होंने सोसाइटी के चौकीदार को मदद के लिए बुलाया। चौकीदार ने उनकी स्थिति देख पुलिस को फोन किया।

 

सिंह ने कहा कि पुलिस आयी और उन्हें अपने साथ जगजीवन राम अस्पताल ले गयी। लेकिन अस्पताल पहुंचने तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस ने उनके शव को अज्ञात बताया और उसे अस्पताल के मुर्दाघर में रख दिया गया। सपा नेता ने कहा कि अगले दिन उनके साथ पार्टी के कई नेता अस्पताल पहुंचे। बाद में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुंच गए।

 

उन्होंने कहा कि जब अस्पताल से तिवारी का शव सौंपने को कहा गया तो अस्पताल ने कहा कि बिना पुलिस के आदेश के शव नहीं सौंपा जा सकता है। सिंह ने भावुक होकर कहा कि इस बारे में जब संबद्ध पुलिस थाने से संपर्क किया गया तो वहां कहा गया कि एसीपी के आने के बाद ही शव मिल सकता है। बाद में दोपहर साढ़े 11 बजे एसीपी के आने के बाद ही शव हमें मिल सका। उन्होंने कहा कि जब एक सांसद के साथ इस तरह का निष्ठुरतापूर्ण और संवेदनहीन व्यवहार किया जा सकता है तो आम आदमी की क्या स्थिति होती होगी। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच करायी जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

 

माकपा नेता सीताराम येचुरी को इस पूरे घटनाक्रम को दुखद एवं बेहद शर्मनाक करार देते हुए कहा कि जांच चलने देनी चाहिए लेकिन इस मामले को विशेषाधिकार समिति में भी भेजा जाना चाहिए। इस पर पीठासीन अध्यक्ष पी जे कूरियन ने कहा कि मामले को विशेषाधिकार समिति में भेजे जाने का नोटिस मिलने पर सभापति विचार करेंगे। कांग्रेस सहित सत्ता पक्ष और विपक्ष के अधिकतर सदस्यों ने इस मामले पर गहरा अफसोस जताते हुए मोहन सिंह की मांग से खुद को संबद्ध किया।  (एजेंसी)

First Published: Friday, April 27, 2012, 15:56

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