Last Updated: Sunday, May 13, 2012, 12:58
नई दिल्ली : अन्ना हजारे के नेतृत्व में समाज के लोगों द्वारा चलाए जा रहे अभियान की आज राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि संविधान और संसद को निशाना बनाने की किसी भी साजिश को नाकाम किया जाना चाहिए।
लोकसभा में संसद की पहली बैठक की 60वीं वषर्गांठ पर लालू ने कहा कि लोकपाल के नाम पर देश और संसद को ध्वस्त करने की साजिश चल रही है। लोग सांसदों के घेराव की बात कर रहे हैं। सांसदों को चोर और डकैत कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून बनाने वाली संस्था संसद है लेकिन हमारे सिर पर किसी को बैठाने की कोशिश हो रही है। ‘संसद का महत्व कम करने और इसे बदनाम करने की गहरी साजिश रची जा रही है।’
उधर, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने भी इस मुद्दे पर परोक्ष टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब हमारी जवाबदेही के नियम सुधरेंगे तो संसद और संसदीय कामकाज को लेकर निराशावाद खत्म हो जाएगा। निराशावाद से गुस्सा पनपता है और गुस्से में भीड़ सड़क पर आ सकती है। ‘लेकिन संसद जवाबदेह है न कि भीड़। संसदीय संस्थाओं का कोई विकल्प नहीं हो सकता।’ हजारे और समाज का नाम लिए बिना लालू ने कहा कि इस मौके पर सदस्यों को संकल्प लेना चाहिए कि संसद को ध्वस्त नहीं होने देंगे, जो दुनिया में सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, May 13, 2012, 18:28