Last Updated: Sunday, December 16, 2012, 15:05
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) को एमबीबीएस, बीडीएस और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली बार साझा प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी है लेकिन साथ ही अगले आदेश तक नतीजे घोषित नहीं करने के लिए भी कहा है। अदालत ने साथ ही एमबीबीएस, बीडीएस और परास्नातक पाठ्यक्रमों के लिए संबंधित परीक्षाएं आयोजित करने में सक्षम राज्यों के विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों को भी इसकी अनुमति दी लेकिन अगले आदेश तक नतीजे घोषित नहीं करने के लिए कहा।
एमबीबीएस और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) आयोजित करने के एमसीआई के फैसले पर सवाल उठाने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने विभिन्न अदालतों में लंबित सभी याचिकाओं को 15 जनवरी 2013 तक उनके पास स्थानान्तरित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि लंबित मामले में सुनवाई किये जाने और इस पर फैसला सुनाने की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश कबीर ने यह भी निर्देश दिया कि सभी स्थानान्तरित मामलों और रिट याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई और इनके निबटारे के लिए इन्हें 15, 16 और 17 जनवरी को सूचीबद्ध किया जाए।
न्यायालय ने कहा कि हमारा विचार है कि लंबित मुख्य मामलों पर सुनवाई की आवश्यकता है और इसे जल्दी निबटाया जाना चाहिए और इन मामलों की सुनवाई में लगने वाले समय का उपयोग छात्रों को संबंधित परीक्षाओं में बैठने के लिए किया जाना चाहिए। न्यायालय ने संबंधित पक्षों के वकीलों से 7 जनवरी से पहले उसके सामने लिखित जवाब पेश करने के लिए कहा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 16, 2012, 15:05