Last Updated: Saturday, June 9, 2012, 22:20

नई दिल्ली : ऐसा लगता है कि एक राष्ट्र एक परीक्षा के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव पर बंटी हुई है और गुवाहाटी एवं खड़गपुर आईआईटी ने आईआईटी कानपुर के अगले वर्ष से स्वयं परीक्षा आयोजित करने के निर्णय का विरोध किया है और केंद्र के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
आईआईटी कानपुर के एक राष्ट्र एक परीक्षा के केंद्र के प्रस्ताव को खारिज करने और अगले वर्ष से अपनी परीक्षा स्वयं लेने के निर्णय के बाद आईआईटी दिल्ली का एलुमनी संघ इसका अनुसरण करने की दिशा में बढ़ती दिख रहा है। आईआईटी कानपुर के निर्णय की आलोचना करते हुए आईआईटी गुवाहाई के निदेशक गौतम बरूआ ने कहा कि वह इस निर्णय से आश्चर्यचकित हैं।
बरूआ ने कहा, अभी हम साझा प्रवेश परीक्षा के बारे में बात नहीं कर रहे है। अभी हम एनआईटी, आईआईटी, आईआईआईटी के लिए साझा प्रवेश परीक्षा की बात कर रहे है। आईआईटी खडगपुर के निदेशक दामोदर आचार्य ने कहा कि संस्थान को केंद्रीय इंजीनियरिंग संस्थाओं में साझा प्रवेश परीक्षा लेने के केंद्र के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं है। बहरहाल, आईआईटी दिल्ली के सीनेट की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में कोई निर्णय किये जाने की उम्मीद है।
आईआईटी दिल्ली एलुमनी के अध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा, इस तरह की संभावना है कि आईआईटी दिल्ली सेनेट की ओर से आईआईटी कानपुर का अनुसरण किया जाए। कल की बैठक में आईआईटी कानपुर सेनेट ने कहा था कि आईआईटी परिषद का दाखिले के संबंध में हाल का प्रस्ताव अकादमिक एवं प्रक्रियात्मक रूप से दुरूस्त नहीं है।
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने 28 मई को 2013 से आईआईटी एवं अन्य केंद्रीय संस्थाओं में दाखिले के लिए साझा प्रवेश परीक्षा आयोजित किये जाने की घोषणा की थी जिसमें 12वीं कक्षा के अंक को तवज्जो दिये जाने की बात कही गई थी। सिब्बल ने दावा किया था कि यह निर्णय बिना किसी विरोध के किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 9, 2012, 22:20