Last Updated: Thursday, December 20, 2012, 20:59
नई दिल्ली : दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता 23 वर्षीया फीजियोथेरेपिस्ट की हालत गुरुवार को स्थिर है और वह होश में है। लेकिन चिकित्सकों ने आगाह किया कि अगले कुछ दिनों तक संक्रमण का खतरा बना हुआ है।
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक बी.डी.अथानी ने कहा, "उसकी स्थिति लगातार स्थिर बनी हुई है। वह सतर्क और होश में है। और खुद से सांस लेने की कोशिश कर रही है। हमारा अगला लक्ष्य है उसे आईसीयू से बाहर ले जाने की हालत में लाना और हालत स्थिर रखना।"
उन्होंने कहा, "वह स्थिर हालत में है लेकिन उसे अभी भी संक्रमण होने का खतरा बना हुआ है।"
उसे एक बहादुर लड़की की संज्ञा देते हुए अथानी ने कहा कि उसने चार दिनों में काफी कुछ सहन किया है और उसकी दो सर्जरी की गई है।
सफदरजंग अस्पताल में सर्जरी विशेषज्ञ सुनील जैन ने कहा, "मैं पिछले 30 साल से सर्जन हूं..मैंने यौन प्रताड़ना के किसी मामले में आंत को इतना नुकसान पहुंचाया जाना कभी नहीं देखा था। यह बहुत ही असाधारण मामला है।"
चिकित्सकों के मुताबिक वह अभी तक जीवनरक्षक प्रणाली पर है। गैंगरीन की आशंका की वजह से बुधवार को दो घंटे तक चली सर्जरी में उसकी आंत का एक हिस्सा निकाल दिया गया।
इस बीच, युवती ने अपने माता-पिता को लिखकर अपने मन की बात बताई है। एक नोट में उसने लिखा है, "दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।" दूसरे नोट में उसने अपने पुरुष मित्र का हाल पूछा जो उसे बचाने का प्रयास करते हुए घायल हो गया था।
अत्यधिक पीड़ा के बावजूद पीड़ित युवती के धर्य और साहस को देखकर चिकित्सक हैरान हैं। एक चिकित्सक ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "मेडिकल की छात्रा होने के नाते वह इलाज की प्रक्रिया को समझती है और अस्पताल के कर्मचारियों के साथ सहयोग करती रही है। उसके यौनांग का निचला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त है लेकिन ऊपरी हिस्से पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। यदि वह इलाज के इस महत्वपूर्ण चरण से उबर जाती है तो वह सामान्य जीवन जी सकेगी।"
चिकित्सक ने यह भी कहा कि पीड़ित युवती जानती है कि उस पर हुए जुल्म से समूचा देश दुखी है। देशभर के लोगों ने जो सहानुभूति प्रकट की है, उससे उसके दिल पर पड़ा बोझ कम हुआ है।
चिकित्सक ने कहा, "उसे पता है कि सांसदों, छात्रों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उसके प्रति समर्थन जताया है और समूचा देश आक्रोशित है।"
उधर, पीड़ित युवती के पुरुष मित्र ने गुरुवार को तिहाड़ जेल में हुई शिनाख्त परेड के दौरान आरोपियों में से एक को पहचाना।
आरोपियों ने युवती के पुरुष मित्र की भी पिटाई की थी। उसने बस के चालक-सह-क्लीनर तथा सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों में से एक राम सिंह के भाई मुकेश (28) की पहचान दुष्कर्मी के रूप में की।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "युवक ने मुकेश की पहचान दुष्कर्मियों में से एक के रूप में की और पुलिस को बताया कि वह दुष्कर्म करने और उसे तथा उसकी दोस्त की बेरहमी से पिटाई करने वालों में से एक है।"
बुधवार को साकेत अदालत के समक्ष जुर्म कबूल करने के बाद मुकेश शिनाख्त परेड के लिए राजी हो गया था। अदालत ने शिनाख्त परेड गुरुवार को होना तय किया था।
पुलिस ने बुधवार को मुकेश, एक सहायक जिम प्रशिक्षक विनय शर्मा (20) और फल विक्रेता पवन गुप्ता (19) को साकेत अदालत में पेश किया था।
शर्मा ने अदालत से कहा कि उसने दुष्कर्म पीड़िता के मित्र की पिटाई की थी, लेकिन उसने युवती के साथ कुछ नहीं किया। उसने महानगर दंडाधिकारी संदीप गर्ग से कहा, "मैंने भयानक अपराध किया है। मुझे फांसी दे दी जाए।"
महानगर दंडाधिकारी नम्रिता अग्रवाल ने गुप्ता और शर्मा को चार दिन की पुलिस हिरासत में और मुकेश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था और बस चालक राम सिंह को 23 दिसम्बर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
दुष्कर्म पीड़िता फीजियोथेरेपी की छात्रा उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली है। वह दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इंटर्नशिप कर रही थी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने गुरुवार को कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो दुष्कर्म पीड़िता को इलाज के लिए विदेश ले जाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "उसकी हालत बहुत गंभीर है। उसके कई अंगों में गहरी चोट है। बेहतर इलाज के लिए अगर जरूरत हुई तो उसे विदेश ले जाने और उसकी जान बचाने में हम हिचकेंगे नहीं।"
उल्लेखनीय है कि रविवार रात लगभग 9.30 बजे 23 वर्षीया पैरा-मेडिकल छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक निजी बस में सवार हुई थी। बस में केवल छह लोग मौजूद थे, जिन्होंने छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की और महिपालपुर में दोनों को बस से फेंक दिया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 20, 2012, 20:59