Last Updated: Tuesday, August 7, 2012, 22:13
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल सरकार ने सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास कानून निरस्त करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस कानून के तहत सिंगूर में टाटा मोटर्स को दी गयी चार सौ एकड़ भूमि वापस लेने का अधिकार राज्य सरकार को मिल गया था। राज्य सरकार ने वकील अभिजीत सेन गुप्ता के जरिये दायर अपील में कहा है कि उच्च न्यायालय ने सिंगूर भूमि कानून निरस्त करने के गलती की है।
टाटा मोटर्स की नैनो कार परियोजना के लिए पट्टे पर दी गयी चार सौ एकड़ की जमीन वापस लेकर उसे किसानों को लौटाने के इरादे से बनाये गए सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास कानून 2011 को उच्च न्यायालय द्वारा 22 जून को निरस्त करने से पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को तगड़ा झटका लगा था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह कानून संवैधानिकत रूप से अवैध है।
सिंगूर भूमि पुनर्वास एवं विकास कानून राज्य सरकार को टाटा मोटर्स से चार सौ एकड़ भूमि वापस लेने का अधिकार प्रदान करता था। टाटा मोटर्स ने इस कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी थी।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस कानून को असंवैधानिक करार देते हुए एकल न्ययाधीश के निर्णय को निरस्त कर दिया था। एकल न्यायाधीश ने इस कानून को संवैधानिक करार दिया था।
उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने इस कानून को असंवैधानिक और अवैध करार देते हुए टिप्पणी की थी कि चूंकि इसके लिए राष्ट्रपति की संस्तुति नहीं ली गयी है, इसलिए यह असंवैधानिक और अवैध है। लेकिन उच्च न्ययालय ने इस निर्णय के अमल पर दो महीने के लिए रोक लगा दी थी ताकि इससे प्रभावित पक्ष उच्चतम न्यायालय में अपील कर सके। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 7, 2012, 22:13