Last Updated: Saturday, December 10, 2011, 16:28
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आरोप लगाया है कि इंटरनेट पर आने वाली सामग्रियों पर ‘सेंसर’ लगाने का केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का ऐलान ‘सांप्रदायिक कार्ड’ खेलने का प्रयास है। संघ ने यह भी कहा कि वेब पर दी जाने वाली सामग्री पर सेंसर नहीं लगना चाहिए क्योंकि अवांछित सामग्री अपने आप ही निरर्थक हो जाती है।
संघ के मुखपत्र ‘आर्गेनाइजर’ के ताजा अंक के संपादकीय में कहा गया है, ‘जब कोई इंटरनेट नहीं था, भारत में कई भयावह सांप्रदायिक दंगे हुए। कोई भी इंटरनेट सामग्री से नहीं भड़कता है। जनता धर्मिक और राजनीतिक नेताओं के उकसाने से भड़कती है।’ इसमें कहा गया कि इंटरनेट पर सभी धर्मों के खिलाफ कई वेबसाइट हैं, जिनमें एक दूसरे के खिलाफ अशिष्ट बातें भी होती हैं लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सरकार इस पर नियंत्रण करे। इसमें सवाल किया गया कि आखिर नियंत्रण होगा कैसे।
संपादकीय में आगे कटाक्ष किया गया, ‘क्या सरकार सिब्बल की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर विचार के लिए एक अन्य समिति बनाएगी।’ संघ ने आरोप लगाया कि सिब्बल की घोषणा सत्ताधारी गुट के ‘पागलपन’ को दर्शाती है। सिब्बल ने फेसबुक, याहू, टि्वटर और गूगल जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क पर दी जाने वाली कुछ सामग्रियों को आपत्तिजनक बताया था।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, December 10, 2011, 21:59