Last Updated: Monday, December 17, 2012, 00:36

नई दिल्ली : सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में रविवार हुए हिमस्खलन में छह सैनिकों की मौत हो गई जबकि एक अन्य लापता हो गया।
सेना के सूत्रों ने यहां बताया कि सियाचिन ग्लेशियर के हनीफ सब सेक्टर में सुबह सात बजे हिमस्खलन आया जिसमें पहली असम रेजीमेंट के छह जवान मर गए एवं एक लापता हो गया। वे वहां तैनात थे। सूत्रों के अनुसार लापता सैनिकों को ढूढ़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सूत्रों ने कहा,‘चौकियों के बीच सैनिकों की आवाजाही के बीच यह घटना घटी।’उन्होंने कहा कि कई सालों में पहली बार इस ग्लेशियर क्षेत्र में भारतीय चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गई।
उन्होंने कहा कि असम इकाई 102 सियाचिन ब्रिगेड का अंग है और यह 15-16 हजार फुट की उंचाई पर स्थित है।
पिछले साल इसी क्षेत्र में हिमस्खलन में पाकिस्तानी शिविर चपेट में आया था और 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मर गए थे।
भारत ने पिछले करीब 30 साल से सियाचिन में अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं। भारत ने दुश्मन की गोलियों से कहीं अधिक जवान मौसम और प्रतिकूल भौगोलिक स्थितियों की वजह से गंवाए हैं।
जवानों को ऐसी स्थितियों में उपयुक्त अनुकूलन एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सघन वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद वहां स्थिति में सुधार हुआ है और हताहतों की संख्या में बड़ी कमी आयी है। सियाचिन मुद्दे पर कई दौर की वार्ता के बाद भारत और पाकिस्तान कुछ साल पहले इस क्षेत्र के विसैन्यीकरण के करीब पहुंच गए थे लेकिन यह संधि परवान नहीं चढ़ सकी क्योंकि पाकिस्तान ने अपनी सैन्य स्थिति के पुष्टिकरण से इनकार कर दिया।
हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने कहा था कि सियाचिन मुद्दे पर भारत ने 1989 की तुलना में अपना रूख कड़ा कर लिया। उन्होंने कहा, ‘ताली दोनों हाथों से ही बजती है।’ सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय सेना रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस बर्फीले चोटी से हटना नहीं चाहती है जिसके लिए उनसे अपना काफी खून बहाया है।
उन्होंने कहा कि सेना ने अपने विचार से सरकार को अवगत करा दिया है और अंतिम फैसला उसे करना है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, December 16, 2012, 18:33