Last Updated: Monday, April 23, 2012, 13:29

नई दिल्ली : सीडी विवाद से घिरे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को पार्टी के प्रवक्ता पद के साथ साथ संसद की एक स्थाई समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। सिंघवी का इस्तीफा संसद के कल से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले सामने आया है। जानेमाने वकील 53 वर्षीय सिंघवी ने कथित रूप से अपने से जुड़े एक सीडी मामले के चर्चा में आने के करीब दस दिनों बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख कर उन्हें अपने फैसले के बारे में सूचित किया।
उन्होंने एक बयान में कहा कि उन्होंने ऐसा सिर्फ कथित सीडी को लेकर संसद में किसी प्रकार के व्यवधान की हल्की सी संभावना को रोकने के इरादे से किया है। उन्होंने कहा कि चूंकि मैं पार्टी का एक अनुशासित सिपाही हूं। मैं यह ठीक नहीं समझता कि पार्टी को इस मामले में किसी प्रकार की असुविधा हो। सभी आरोप पूरी तरह से निराधार और गलत हैं।
सिंघवी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ब्रीफिंग से पिछले सप्ताह से दूर हैं । उन्होंने कहा कि कथित सीडी में अनुचित बातचीत को लेकर अफवाह और निराधार आरोप फैलाये जा रहे है । सिंघवी ने कहा कि मेरे विरोधी लोगों को जो पिछले दस दिन से सीडी को सुन रहे हैं देख रहे हैं और बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे हैं, उन्हें कोई अवैध भ्रष्ट आचरण अथवा गलत काम का दूर तक भी संदर्भ नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि विशेष कर प्रिंट और दृश्य मीडिया के कुछ वर्ग सीडी के बारे में कही सुनी बातों को लेकर झूठी जानकारी फैला रहे हैं कि उसमें कोई पद दिलाने के वादे का जिक्र किया गया है। किसी ने भी सीडी में ऐसी बात नहीं सुनी है क्योंकि वह उसमें है ही नहीं । यह शुद्ध रूप से काल्पनिक और सनसनीखेज सोच है। सिंघवी ने कहा कि जनता के बीच रूचि पैदा करने के इरादे से सीडी की सामग्री को लेकर यह गलत अफवाह फैलाई जा रही है। इस बीच कांग्रेस ने इस्तीफा देने के सिंघवी के फेसले को एक उचित कदम बताया लेकिन पार्टी इस बात को टाल गयी कि क्या सिंघवी को ऐसा करने का निर्देश दिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हालांकि उनसे संसद में इस्तीफे पर सफाई देने की मांग की है वहीं बार काउंसिल ऑफ दिल्ली इस मसले पर एक मई को बैठक कर रही है। सिंघवी ने कहा है कि इस विवाद के चलते संसद की कार्यवाही बाधित होने से रोकने के लिए उन्होंने इस्तीफा देने का कदम उठाया। सिंघवी का यह इस्तीफा ऐसे समय आया है जब मंगलवार को संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण आरम्भ हो रहा है। सिंघवी के मुद्दे पर सोमवार सुबह कांग्रेस नेताओं की एक बैठक हुई थी, जिसमें उनके इस्तीफे का फैसला हुआ था, जिसकी घोषणा शाम में खुद सिंघवी द्वारा जारी एक बयान में की गई।
सिंघवी ने सोमवार शाम एक विस्तृत बयान जारी कर अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मैंने विधि, न्याय, कार्मिक व जन शिकायत सम्बंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही इस बारे में मैंने कांग्रेस अध्यक्ष को भी सूचित कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने मीडिया को भी सम्बोधित नहीं करने का फैसला किया है। सिंघवी ने कहा कि मैंने ऐसा सिर्फ इसलिए किया है कि मनगढंत सीडी को लेकर संसद की कार्यवाही में बाधा न पड़े। चूंकि मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, इसलिए मैं कोई ऐसा विषय नहीं बनना चाहता जिससे पार्टी को परेशानी हो। मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं। सिंघवी ने सीडी को लेकर कुछ प्रिंट व मीडिया समूह द्वारा चलाई गई खबरों के लिए उनकी आलोचना भी की।
उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें प्रसारित की गई हैं कि सीडी में पद देने का वादा किया गया है। सीडी में किसी ने ऐसा कुछ सुना ही नहीं है। ऐसा कुछ है ही नहीं क्योंकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। यह पूरी तरह कल्पना पर आधारित, जानबूझकर किया गया कार्य और सनसनी फैलाने वाला कृत्य है। उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि एक सीडी को लेकर सनसनी फैलाई जा रही जिसे वास्तव में तीन बार मनगढ़ंत और बनाया गया स्वीकार किया गया है। ड्राइवर द्वारा पुलिस को दिए अपने अंतिम बयान, उच्च न्यायालय में अपने लिखित बयान और न्यायाधीश की उपस्थिति में शपथ लेकर दिए गए मौखिक बयान से साफ है कि उसने कैसे और क्यों इस सीडी को तैयार करवाया।
गौर हो कि ज्ञात हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 अप्रैल को पारित एक आदेश में एक मीडिया समूह को उस सीडी की सामग्रियों का प्रसार करने से रोक दिया था, जो कथितरूप से सिंघवी के पूर्व वाहन चालक द्वारा तैयार की गई है। इस सीडी में सिंघवी को आपत्तिजनक स्थिति में दिखाया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, April 24, 2012, 12:35