सीना, गर्दन और पैरों में चोट की वजह से तोमर को पड़ा दिल का दौरा : पोस्टमार्टम रिपोर्ट| Neck, chest injuries caused Tomar’s cardiac arrest: Post-mortem report

सीना, गर्दन और पैरों में चोट की वजह से तोमर को पड़ा दिल का दौरा : पोस्टमार्टम रिपोर्ट

सीना, गर्दन और पैरों में चोट की वजह से तोमर को पड़ा दिल का दौरा : पोस्टमार्टम रिपोर्ट नई दिल्ली : गत रविवार को हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल सुभाष तोमर के मौत के कारणों को लेकर आज तब ताजा विवाद शुरू हो गया जब एक सरकारी अस्पताल तथा प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि कांस्टेबल के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने इन बयानों का खंडन किया है।

दिल्ली पुलिस ने आज देर शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को जारी किया जिसे पोस्टमार्टम करने वाले सरकारी राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों के एक चिकित्सक मंडल ने तैयार किया है। इसी अस्पताल में तोमर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। विरोधाभासी बयानों के बाद दिल्ली पुलिस ने अपराध शाखा से कहा था कि वह मामले की जांच करे जिसमें हत्या का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट के बारे में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) केसी द्विवेदी के अनुसार यह पाया गया कि तोमर के सीने, गर्दन और पैरों पर चोटें थीं जिसके कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हुई।

द्विवेदी ने कहा, ‘मायोकार्डिअल इंफ्रेक्शन (दिल का दौरा) और उसकी जटिलताएं मौत से पहले गले एवं सीने पर लगी चोटों के कारण बढ़ गई। ये चोटे किसी कुंद वस्तु के प्रहार से आई थी।’ दिल्ली पुलिस का बयान ऐसे समय पर आया है जब तोमर की मौत के कारणों को लेकर विभिन्न दावे उभकर सामने आए हैं। दो प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि इंडिया गेट पर 16 दिसंबर को गैंगरेप के खिलाफ रविवार को हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन के दौरान तोमर के गिरने के बाद उन्हें होश में लाते समय उन्होंने शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं देखा था।

राममनोहर लोहिया अस्तपाल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. टीएस सिद्धू ने कहा, ‘जब तोमर को लाया गया था, उस समय वह मरणासन्न था, इसलिए हमने उसे आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया।’ कांस्टेबल का इसी अस्पताल में इलाज किया गया था। डॉक्टर ने कहा कि कुछ कटने और खरोंच आने के अलावा तोमर के शरीर पर ‘बाह्य चोट का कोई बड़ा निशान नहीं था।’ यह पूछे जाने पर कि क्या यह ह्दय गति रूक जाने का मामला है, इस पर डॉक्टर ने कहा, ‘मैं नहीं जानता। यह मेरी टिप्पणी नहीं है। जब कांस्टेबल को यहां लाया गया, उस समय वह गहरे सदमे में थे और हम उसे होश में लाए। हमारे सभी रिकार्डों में किसी गंभीर आंतरिक चोट का कोई रिकॉर्ड नहीं है लेकिन पोस्टमार्टम से सबकुछ पता चल जाएगा।’

इससे पहले खुद को प्रत्यक्षदर्शी बताने वाले पत्रकारिता के एक छात्र योगेंद्र और उसकी मित्र पाओलिन ने पुलिस के उस बयान को खारिज कर दिया था जिसमें उसने तोमर की प्रदर्शनकारियों द्वारा पिटाई की बात कही थी जिससे उसकी बाद में मौत हो गई। योगेंद्र ने कहा कि तोमर अपने आप गिर गए थे। योगेंद्र ने दावा किया, ‘मैं अपने एक महिला मित्र के साथ इंडिया गेट पर था जो घायल हो गई थी। मैंने देखा कि प्रदर्शनकारियों के पीछे एक पुलिसकर्मी भाग रहा है और वह अचानक गिर गया। हम उसकी ओर भागे और कुछ पुलिसकर्मी भी वहां पर थे। अचानक, पुलिसकर्मी अन्य प्रदर्शनकारियों के पीछे भागने लगे।’

योगेंद्र ने कहा, ‘इसके बाद मैं एक नजदीक के पीसीआर वैन के पास गया। वे उसे अस्पताल ले गए। मैं भी उसी वाहन में गया था। मैंने उसे अस्पताल में देखा और उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था। वह भीड़ द्वारा नहीं कुचला गया और उसे चोट नहीं लगी थी। पुलिस का दावा झूठा है। मुझे यह सुनकर आश्चर्य हो रहा है कि आठ लोगों को सुभाष तोमर की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।’ पाओलिन ने कहा, ‘मैंने अपनी आंखों के सामने ही उन्हें गिरते हुए देखा था। वह गिर गये और हम उनके पास पहुंचे। हमने उनका जैकेट और जूता निकाला। मैंने उनसे पूछा कि क्या वह मुझे सुन सकते हैं और उसके बाद हमने कहा कि सांस लीजिये..मैंने मदद के लिए आवाज भी दी और पुलिस तथा मीडियाकर्मियों से कहा कि वे तमाशबीन नहीं बने रहें और एंबुलेंस बुलाएं।’

उन्होंने कहा, ‘उनको बहुत अधिक पसीना आ रहा था और शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था। यदि हम वहां पर नहीं रहे होते तो शायद उनकी मौके पर ही मौत हो जाती।’ पाओलिन ने कहा कि वह दबाव में आकर अपना बयान नहीं बदलेंगी। तोमर के परिवार वालों ने भी प्रत्यक्षदर्शी के बयान का खंडन किया है और कहा कि प्रदर्शन के दौरान चोट लगने से उसकी मौत हुई। तोमर के बेटे आदित्य ने कहा, ‘मेरे पिता की मौत इंडिया गेट पर प्रदर्शन के दौरान हुई अव्यवस्था से हुई। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें धकेल दिया और कुचल दिया। उन्हें अंदरुनी चोटे लगी थी। यह दावा झूठा है कि उन्हें चोट नहीं लगी थी।’ तोमर के परिवार ने दावा किया कि उन्हें ह्दय से जुड़ी कोई बीमारी नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया कि 47 वर्षीय तोमर के बायीं ओर की तीसरी, चौथी और पांचवीं पसली टूटी हुई थी और कई जगहों से हल्का रक्तस्राव है।

पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने मौत के कारण के बारे में कहा कि संभवत: किसी कुंद चीज से सीने और गर्दन पर लगी चोटों के कारण दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि कोशिकाओं में रक्त का बहाव मौजूद था और शरीर पर किसी कुंद चीज से हुए जोरदार प्रहार से गर्दन की मांसपेशियों तथा अन्य चोटें लगीं। रिपोर्ट के बारे में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (नई दिल्ली) केसी द्विवेदी ने कहा कि यह पाया गया कि उनके सीने, गर्दन और पैरों पर चोटें थीं जिसके कारण उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हुई। यह पूछे जाने पर कि क्या आरएमएल के डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी इस पर द्विवेदी ने कहा कि उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करना है क्योंकि अपराध शाखा इसकी जांच कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं डाक्टरों या प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।’

उल्लेखनीय है कि पुलिस ने इस मामले में हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने आम आदमी पार्टी के एक कार्यकर्ता समेत आठ लोगों को हत्या के प्रयास के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया था। उधर ‘आप’ ने पुलिस आयुक्त कुमार को बर्खास्त किये जाने की मांग की है। ‘आप’ के प्रवक्ता मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पुलिस तोमर की मौत को राजनीतिक रूप दे रही है ताकि अपनी गल्तियों को छिपाया जा सके। इस बीच गृह मंत्रालय ने तोमर के परिवार को 10 लाख रुपए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, December 26, 2012, 21:02

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