Last Updated: Wednesday, May 16, 2012, 15:27
नई दिल्ली : सरकार ने बुधवार को बताया कि विदेशियों द्वारा सीपीआई (माओवादी) और इसके सहयोगी (रिपीट सहयोगी) संगठनों को सहायता देने के कुछ मामले सामने आए हैं। गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चला कि विदेशी नागरिक भारत में गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से सीपीआई (माओवादी) की सहायता कर रहे हैं। ऐसे मामले हालांकि रहे हैं जब विदेशियों ने व्यक्तिगत तौर पर सीपीआई (माओवादी) और इसके सहयोगी संगठनों को सहायता दी है।
उन्होंने रविशंकर प्रसाद के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ऐसे ही एक मामले में जनवरी में माओवादी समर्थक स्वीडिश लेखक जन मृदाल भारत आए। उन्होंने कोलकाता, हैदराबाद, लुधियाना तथा दिल्ली में सीपीआई (माओवादी) समर्थक सम्मेलनों में भाग लिया था। उन्होंने सीपीआई (माओवादी) को सुरक्षा बलों के विरूद्ध दुष्प्रचार पर जोर देकर और मानवाधिकार मुद्दों को उजागर कर भारत में मध्यम वर्ग का सहयोग पाने की सलाह भी दी थी।
उन्होंने बताया देखा गया है कि जब सीपीआई :माओवादी: कार्यकर्ताओं को कहीं भी गिरफ्तार किया जाता है तो एक जैसे सैकड़ों ई मेल भेज कर एक समन्वित अभियान चलाया जाता है और कई ईमेल तो विदेशों से आते हैं। इनमें से कुछ संगठनों को गुप्त रूप से विदेशी निधि मिलने से इंकार नहीं किया जा सकता।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 16, 2012, 20:57