Last Updated: Thursday, July 26, 2012, 15:24

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो ने रक्षा आपूर्तिकर्ता अभिषेक वर्मा से अलग हुए उसके अमेरिका स्थित व्यावसायिक सहयोगी से मिले दस्तावेजों को रक्षा मंत्रालय को भेज दिया है और इनकी प्रमाणिकता तथा इस बारे में इसकी राय मांगी है कि क्या इनका रखा जाना सरकारी गोपनीयता अधिनियम (ओएसए) का उल्लंघन है ।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि ओएसए के तहत कोई कार्रवाई दस्तावेजों की प्रमाणिकता और गोपनीय प्रकृति को परखने के बाद ही शुरू की जा सकती है जो कि मंत्रालय का अधिकार क्षेत्र है ।
वर्मा के व्यावसायिक सहयोगी रहे अमेरिका स्थित अटॉर्नी सी एडमंड एलन ने ऐसे दस्तावेज सीबीआई और जांच एजेंसियों को मुहैया कराए हैं जो रक्षा बलों के लिए खरीद एवं भविष्य की योजनाओं से संबंधित हैं ।
एलन और वर्मा कथित कटु व्यावसायिक संबंधों को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ याचिकाएं दायर करते रहे हैं । वर्मा ने एलन के खिलाफ मामला दायर कर उस पर 55 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और उसे बदनाम करने के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया था । दोनों के बीच अमेरिका में भी एक मामला चल रहा है । दूसरी ओर, एलन ने भारत और अमेरिका की विभिन्न जांच एजेंसियों को शिकायत भेजकर वर्मा के खिलाफ धन शोधन और अन्य अपराधों के आरोप लगाए थे ।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के जवाब का अभी इंतजार किया जा रहा है और यदि मंत्रालय शिकायत दायर करने का फैसला करता है तो एजेंसी सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज करेगी । (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 26, 2012, 15:24