Last Updated: Thursday, July 11, 2013, 00:19
नई दिल्ली : सीबीआई ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से वे फाइलें मांगी हैं जिनके आधार पर उसने इशरत जहां की पृष्ठभूमि को लेकर अपने रूख में बदलाव किया था। गौरतलब है कि नौ साल पहले इशरत तीन अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर एक फर्जी मुठभेड़ में मारी गयी थी।
सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय में तत्कालीन अवर सचिव आर वी एस मणि ने करीब दो महीने के भीतर गुजरात उच्च न्यायालय में दो हलफनामे दाखिल किए और दोनों में इशरत की पृष्ठभूमि को लेकर विरोधाभासी विचार व्यक्त किए। 6 अगस्त 2009 को दाखिल हलफनामे में इशरत एवं तीन अन्य को आतंकवादी करार दिया गया जबकि 30 सितंबर 2009 को दाखिल हलफनामे में दावा किया गया कि यह कहने के लिए पुख्ता सबूत नहीं हैं कि वह एक दहशतगर्द थी।
सीबीआई ने इस बारे में मणि से पूछताछ की थी पर उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जांच एजेंसी ने अब उस सूचना से जुड़ी फाइल मांगी है जिसके आधार पर विचार में बदलाव हुआ। सीबीआई ने इस वजह से फाइल मांगी है ताकि इसकी पड़ताल की जा सके कि इतनी कम अवधि में अधिकारी को अपना विचार क्यों बदलना पड़ा।
सूत्रों ने कहा कि उक्त हलफनामे से जुड़ी फाइलें इसलिए अहम हैं क्योंकि उनसे उन लोगों की भूमिका का पता चलेगा जो इशरत को आतंकवादी बताने में दिलचस्पी ले रहे थे। एजेंसी ने इशरत मामले में दायर पहले आरोप-पत्र में मारे गए चारों लोगों की पृष्ठभूमि के बारे में कुछ भी जिक्र नहीं किया है। अगले आरोप-पत्र में वह चारों की पृष्ठभूमि के बारे में बता सकती है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 11, 2013, 00:19