Last Updated: Wednesday, December 7, 2011, 06:54
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने के मुद्दे को किनारा करने का संकेत देते हुए टीम अन्ना के सदस्य किरण बेदी ने कहा कि किसी भी अन्य कदम की बजाए सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाना ज्यादा प्रभावी होगा।
बेदी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाली संस्था सीबीआई के बिना महत्वहीन रहेगी जिससे इस तंत्र के बनने का मकसद ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री से ज्यादा, सीबीआई का होना लोकपाल को प्रभावी बनाएगा। हमें भटकना नहीं चाहिए। एकजुट विपक्ष इस झांसे को सामने ला सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘लोकपाल के तहत सीबीआई के होने का मतलब सभी भ्रष्टाचारों का खुलासा, कई लोग की शर्मिंदगी और कई गढ़ी छवियों का टूटना होगा। क्या वे खुद के खिलाफ मतदान करेंगे ?’
बेदी ने कहा कि ऐसा समझा जाता है कि लोकपाल को सीबीआई के सरकारी नियंत्रण को अपने हाथों में लेना था। प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में रखने के सवाल पर संसद की स्थायी समिति के तीन विकल्प देने और मुद्दे के अंतिम हल को संसद पर छोड़ देने के आलोक में बेदी का यह बयान आया है। टीम अन्ना नौकरशाही के निचले पायदानों को लोकपाल के दायरे में लाने, केंद्रीय कानून से लोकायुक्तों के गठन और कानून में सिटीजन चार्टर लाने पर जोर देती रही है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 7, 2011, 12:24