Last Updated: Thursday, October 6, 2011, 11:11
नई दिल्ली: भारत और चीन ने सीमा मसले पर लगातार हो रहे विवाद को रोकने के मद्देनजर एक नई पहल की है. भारतीय सीमा में चीनी सेना की घुसपैठ की खबरों के बीच भारत और चीन ने अब एक सीमा को लेकर एक संयुक्त व्यवस्था बनाने का फैसला किया है.
यह पहल दोनों देश एक-दूसरे की सीमाओं में घुसपैठ रोकने और आपसी भरोसा को बढ़ाने के मद्देनजर करने जा रहे है. इस व्यवस्था के दायरे में 3500 किलोमीटर की भारत-चीन की सीमा शामिल होगी.
इस नई व्यवस्था के तहत दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों,राजदूतों,मिलीट्री और विदेश मामले से जुड़े अनुभवी लोगों ने अपने सुझाव दिए है.
इस नई व्यवस्था से भारत और चीन के बीच का संबध सीधा नई दिल्ली और बीजिंग से जुड़ जाएगा.
कुछ ही दिन पहले रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने कहा था कि एलएलओसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) के नजदीक भारतीय सेना और वायुसेना की क्षमता को मजबूत करते हुए आधुनिक लैंडिंग ग्रांउड बनाए हैं. साथ ही सेना की तैनाती भी बढ़ाई गई है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि सीमा रेखा स्पष्ट नहीं होने की वजह से कई बार घुसपैठ का भ्रम भी हो जाता है.
रक्षामंत्री के मुताबिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ के बीच अप्रैल में सीमा से संबंधित मसलों को हल करने के लिए संयुक्त तंत्र बनाने पर सहमति बनी थी. इस तंत्र के जरिए सीमा से संबंधित मसले बेहतर तरीके से सुलझाए जा सकेंगे.
लेकिन दोनों देशों ने अब इस नई व्यवस्था को अपनाने का फैसला किया है और माना जा रहा है कि इसकी शुरुआत अगले साल से हो सकती है.
(एजेंसी)
First Published: Thursday, October 6, 2011, 17:04