सीमा वार्ता को तुरंत आगे बढ़ाने की जरूरत: चीन|China

सीमा वार्ता को तुरंत आगे बढ़ाने की जरूरत: चीन

सीमा वार्ता को तुरंत आगे बढ़ाने की जरूरत: चीन नई दिल्ली : भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के समाधान के लिए एक समझौते का मसौदा तैयार करने की खातिर वार्ता को आगे बढ़ाने के पुरजोर प्रयास करने की जरूरत है। लद्दाख क्षेत्र में हाल में घुसपैठ के परिप्रेक्ष्य में यह बात एक शीर्ष चीनी अधिकारी ने कही।

घुसपैठ को ‘पृथक्’ घटना बताते हुए चीनी अधिकारी ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर संवाद प्रणाली के ‘अच्छी तरह जांचा-परखा एवं प्रभावशील’ होने को दर्शाता है।

चीन के विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता एवं सूचना विभाग के महानिदेशक क्वीन गांग ने कहा, ‘मसौदा समझौते को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपना प्रयास दोहरा करने की जरूरत है ताकि हम किसी निष्पक्ष, उपयुक्त एवं परस्पर सहमति वाले समाधान पर पहुंच सकें।’ बहरहाल विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित पत्रकार वार्ता में क्वीन ने चेताया कि ‘सीमा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर गौर करते वक्त हमें अपने बढ़ते संबंधों की पूरी तस्वीर को जेहन में रखना होगा और चीन-भारत के बीच अच्छे एवं सहयोगी संबंधों को भी ध्यान में रखना होगा।’

पिछले महीने की 15 तारीख को चीन के सैनिक लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके में करीब 19 किलोमीटर अंदर घुस आए थे जिसके बाद भारतीय फौजियों ने भी उनके सामने अपने तंबू गाड़ दिए थे। करीब तीन हफ्ते के बाद इस ‘गतिरोध’ का समाधान हो सका था।

चीन के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग का पहली विदेश यात्रा पर भारत जाना इस देश के साथ चीन के लगाव को दर्शाता है। सूत्रों ने कहा कि दौरे में ली भारतीय नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे ताकि उनको ठीक तरीके से जान सकें और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाना एवं दोनों देशों के बीच परस्पर व्यवसाय और निवेश सहयोग का प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों के बीच सीईओ फोरम का गठन किए जाने की उम्मीद है ।

अधिकारियों ने कहा कि ली के दौरे से चीन को चार बड़ी उम्मीदें हैं-परस्पर तालमेल को बढ़ाना, दोस्ती को बढ़ावा देना, परस्पर विश्वास को गहरा करना और सहयोग को बढ़ावा देना।

यह पूछने पर कि क्या ली के दौरे में सीमा मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी तो चीनी अधिकारियों ने कहा कि काफी पहले से चले आ रहे सीमा मुद्दे के समाधान में वक्त लगेगा और किस तरीके से एवं कितना जल्द इसका समाधान होगा, यह दोनों देशों की राजनीतिक इच्छा पर निर्भर करता है।

उन्होंने कहा कि सीमा मुद्दे के समाधान के लिए ‘व्यावहारिकता एवं विवेक’ की जरूरत होगी। इस पर अभी तक भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों के बीच 15 दौर की वार्ता हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि भारत और चीन ‘अनसुलझे’ मुद्दों वाले पड़ोसी हैं। साथ ही कहा कि चीन भारत के साथ अच्छे पड़ोसी वाला रिश्ता चाहता है।

अधिकारियों ने कहा कि भारत और चीन दो बढ़ती आर्थिक शक्तियां हैं और क्षेत्र एवं विश्व के हित में दोनों के बीच अच्छे सहयोग एवं संवाद की जरूरत है। अधिकारियों ने कहा कि मीडिया की खबरों को चीन सरकार की नीतियों के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और मीडिया से कहा कि द्विपक्षीय संबंधों की रिपोर्टिंग करते वक्त वह संवेदनशीलता से काम करे। (एजेंसी)

First Published: Monday, May 13, 2013, 21:50

comments powered by Disqus