Last Updated: Sunday, April 22, 2012, 15:36
रायपुर : नक्सलियों द्वारा सुकमा के अपहृत जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन की रिहाई के बदले रविवार को कई शर्ते रखे जाने की सूचना पुलिस ने दी। इन शर्तो में उनके आठ साथियों की रिहाई और ऑपरेशन ग्रीन हंट बंद करने की मांग शामिल है। नक्सलियों ने अपनी मांगें पूरी करने के लिये सरकार को 25 अप्रैल तक का समय दिया है।
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि नक्सली नेताओं ने यहां के कुछ संवाददाताओं को अपना रिकॉर्ड किया हुआ बयान जारी कर अपनी मांगों से अवगत कराया है।
अधिकारियों ने बताया कि प्राप्त जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने जिलाधिकारी की रिहाई के बदले आपरेशन ग्रीनहंट बंद करने के क्षेत्र में तैनात सुरक्षा कर्मियों को वापस बैरक में भेजने फर्जी मामलों में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने और अपने आठ साथियों मरकाम गोपन्ना उर्फ सत्यम रेड्डी, निर्मल अक्का उर्फ विजय लक्ष्मी, देवपाल चन्द्रशेखर रेड्डी, शांतिप्रिय रेड्डी, मीना चौधरी, कोरसा सन्नी, मरकाम सन्नी और असित कुमार सेन की रिहाई की मांग की है।
नक्सलियों ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 25 अप्रैल तक का समय दिया है तथा इसके बाद वे जिलाधिकारी का फैसला जन अदालत में करेंगे। नक्सलियों द्वारा रखी गई शर्तों को लेकर किए गए सवाल पर राज्य के नक्सल मामलों के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि नक्सलियों ने अभी तक सरकार से सीधे संपर्क नहीं किया है।
उन्होंने बताया कि सरकार इस बात का पता लगा रही है कि ये मांगे वास्तव में नक्सलियों ने रखी हैं या नहीं और जिलाधिकारी के अपहरण में नक्सलियों के किस समूह का हाथ है।
इससे पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल विरोधी अभियान) राम निवास ने कहा कि पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं और 32 वर्षीय मेनन सुरक्षित हैं । उधर स्वामी अग्निवेश ने कहा कि वह मेनन की रिहाई के लिए मध्यस्थता करने को तैयार हैं और वह सरकार या नक्सलियों की तरफ से उनसे संपर्क किए जाने का इंतजार कर रहे हैं । उन्होंने यह मांग भी की कि हालात से निपटने के लिए जितना हो सके उतने कम बल का इस्तेमाल करना चाहिए।
इस बीच, एक ताजा अपील में मेनन की पत्नी आशा ने कहा कि नक्सलियों को उनके पति को छोड़ देना चाहिए। उनकी शादी कुछ महीने पहले ही हुई है और उनके पति ने हमेशा लोगों के लिए काम किया है। आशा ने कहा कि उनके पति को कुछ स्वास्थ्य समस्या है और जब उन्हें अगवा किया गया उस वक्त उनके पास पर्याप्त दवाएं नहीं थीं।
उन्होंने कहा, वह दमा के मरीज हैं और मैं सरकार और नक्सलियों से अनुरोध करती हूं कि वह इस बात को समझें कि वह दवा के सिर्फ दो डोज अपने साथ ले गए हैं। आपात परिस्थिति में वह मुश्किल का सामना नहीं कर पाएंगे। आशा मेनन ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी लगातार बातचीत हो रही है और केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और मलकानगिरी ओडिशा के पूर्व कलक्टर आर विनील कृष्ण ने भी उनसे बात की और धर्य रखने की सलाह दी है। माओवादियों ने पिछले साल कृष्ण का भी अपहरण कर लिया था।
अपने पति की रिहाई की अपील करते हुए आशा ने कहा कि मेनन ने नए जिले के विकास के लिए काफी काम किया है। उन्होंने कहा, मैं उनसे (नक्सलियों से) सिर्फ यह अनुरोध करूंगी कि जल्द से जल्द उन्हें रिहा कर दें।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के केरलापाल क्षेत्र के माझीपारा गांव में नक्सलियों ने शनिवार शाम सुकमा जिले के कलेक्टर तथा वर्ष 2006 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मेनन (32) का अपहरण कर लिया था तथा उनके दो अंगरक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इन अंगरक्षकों के शवों को आज सुकमा जिला मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
माझीपारा गांव में कल ग्राम सूरज अभियान कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे अधिकारियों ने बताया कि करीब 50 की संख्या में आए नक्सली कार्यक्रम स्थल पर आए और जिलाधिकारी के दो गाडरें को गोलियों से भूनने के बाद मेनन को अपने साथ अगवा कर ले गए।
अग्निवेश ने कहा कि पिछले साल उन्होंने माओवादियों के कब्जे से पांच पुलिसकर्मियों को छुड़ाने में कामयाबी दिलायी थी। उस वक्त, उन्होंने मुख्यमंत्री रमण सिंह से अपील की थी कि जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों को रिहा किया जाए। लेकिन उनकी इस सलाह पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
इस बीच, राज्य में आईएएस अधिकारियों के संघ ने आज एक बैठक कर माओवादियों से मेनन को रिहा करने की अपील की। इससे पहले दिन में स्थानीय निवासियों ने जिलाधिकारी की रिहाई के लिए शांति मार्च निकाला।
मेनन के पिता ए वरधास ने कहा कि उन्हें अपनी बहू से बेटे के अपहरण के बारे में पता चला। उन्हें अधिकारियों की ओर से सूचना नहीं दी गयी।
मेनन के पिता ने कहा, उन्होंने मुख्यमंत्री रमण सिंह से बातचीत की है। वह जरूरत के मुताबिक काम कर रहे हैं। अपहृत जिलाधिकारी के ससुर वेणुगोपाल ने कहा, उन्होंने (मेनन ने) अपनी जिंदगी में कभी किसी का बुरा नहीं किया और न ही मेरी बेटी ने कभी किसी का बुरा किया। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 23, 2012, 15:44