Last Updated: Saturday, September 15, 2012, 18:32

कोलकाता : मल्टी ब्रांड रिलेट सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति और डीजल के दामों में की गई वृद्धि वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को 72 घंटे का समय देने के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि सुधारों का मतलब सब कुछ बेच डालना नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में कहा है, ‘हां, हमें सुधारों की जरूरत है। लेकिन सुधारों का मतलब कुछ वर्गों को संतुष्ट करने के लिए सब कुछ बेच डालना नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सब कुछ बेच डालने के किसी फैसले का समर्थन नहीं करती। यह सरकार के एक वर्ग के अनुकूल हो सकता है।’ मल्टीब्रांड रिटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कड़े विरोध के लिए पहचानी जाने वाली ममता ने कहा, ‘एकपक्षीय और जनविरोधी फैसलों से केवल कुछ समय के लिए सेंसेक्स को ऊपर उठने में मदद मिल सकती है।’
उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि सेंसेक्स को स्थिर होना चाहिए लेकिन इसके साथ ही नीतियों तथा योजना का उपयोग आम आदमी पर कमरतोड़ बोझ डालने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’ ममता ने कहा, ‘लोकतांत्रिक ढांचे में सुधारों का लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहिए और लोकतंत्र की विशेषता आम आदमी के प्रति उसे उसकी जिम्मेदारी के अहसास में निहित है।’
उन्होंने कहा कि विकसित देशों के पास सामाजिक सुरक्षा की कई योजनाएं हैं। हमारे देश में, आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए हमारे पास व्यापक सामाजिक सुरक्षा योजनाएं या ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने सुझाव दिया कि अगर काले धन का खुलासा हो जाए और उसे विदेशों से वापस ला कर विकास में उसका उपयोग किया जाए तो सेंसेक्स वास्तव में उठेगा। उन्होंने कहा, ‘हम आम आदमी के हितों के लिए लड़ने को प्रतिबद्ध हैं और अपनी जान दे सकते हैं लेकिन इस पर समझौता नहीं कर सकते।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 15, 2012, 17:20