Last Updated: Wednesday, August 14, 2013, 22:55

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खलिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के आतंकवादी देविंदरपाल सिंह भुल्लर की वह अर्जी खारिज कर दी, जिसमें उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने से इंकार के शीर्ष न्यायालय के फैसले पर फिर से विचार करने की मांग की गई थी।
भुल्लर ने इस आधार पर अपनी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी कि उसकी दया याचिका पर सरकार ने फैसला करने में काफी लंबा समय लगाया है। न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने 12 अप्रैल के आदेश पर फिर से विचार करने से इनकार कर दिया। 12 अप्रैल के फैसले में शीर्ष अदालत ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने से इनकार कर दिया था।
भुल्लर को सितंबर 1993 में दिल्ली में एक बम धमाके को अंजाम देने के आरोप में दोषी करार देकर मौत की सजा सुनाई गई थी। धमाके में नौ लोग मारे गए थे जबकि 25 जख्मी हो गए थे। जख्मी हुए लोगों में युवा कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष एमएस बिट्टा भी शामिल थे। भुल्लर ने 14 जनवरी 2003 को राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी। करीब आठ साल बाद 25 मई 2011 को राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 14, 2013, 22:55