Last Updated: Friday, April 13, 2012, 14:51
नई दिल्ली : केंद्र सरकार सोमवार यानी 16 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ आंतरिक चुनौतियों तथा उनसे निपटने के उपायों पर चर्चा करेगी, खासतौर से आतंकवाद और वामपंथी चरमवाद से पैदा हुए खतरों पर। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्रियों की इस बैठक का उद्घाटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करेंगे। यह बैठक आतंकवाद निरोधी उपायों, खुफिया क्षमताओं और पुलिसिंग को मजबूत करने के अलावा सीमा एवं तटीय सुरक्षा चुस्त करने पर केंद्रित होगी।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम मुख्यमंत्रियों के बीच उद्घाटन सम्बोधन देंगे। चिदम्बरम पुलिस सुधारों व बीट पुलिसिंग को प्रोत्साहित करने जैसे मुद्दों पर राज्य सरकारों के साथ लगातार बातचीत करते रहे हैं। सूत्रों ने केंद्रीय गृह मंत्री के सम्बोधन की सामग्री का जिक्र करते हुए कहा कि चिदम्बरम राज्य सरकारों से आतंकवाद से निपटने में बेहतर सहयोग मांगेंगे, खासतौर से बेहतर खुफिया आदान-प्रदान तंत्र के जरिए।
मुख्यमंत्रियों की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब चिदम्बरम की प्रमुख परियोजना, यानी नेशनल काउंटर टेररिज्म सेंटर (एनसीटीसी) की स्थापना को लेकर गैर कांग्रेस शासित राज्यों ने तीव्र विरोध किया है। विरोध करने वालों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं, जिनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस नई दिल्ली में सत्तासीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) में हिस्सेदार है। लेकिन एनसीटीसी का मुद्दा दिनभर की इस बैठक के दौरान शायद नहीं उठाया जाएगा, क्योंकि इस मामले पर पांच मई को प्रधानमंत्री के साथ अलग से चर्चा होनी है।
एनसीटीसी को अनधिकृत गतिविधि (निवारक) अधिनियम से अधिकार प्राप्त होंगे। लेकिन यह परियोजना लटकी पड़ी है, क्योंकि कम से कम एक दर्जन मुख्यमंत्रियों ने इस विचार का विरोध किया है। उन्हें आशंका है कि यह एजेंसी उनके अधिकारों का अतिक्रमण करेगी और देश के संघीय ढाचे के साथ छेड़छाड़ करेगी। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों और पूर्वोत्तर में आतंकवाद, आर्थिक अपराधों से मुकाबला, खासतौर से नकली नोटों की समस्या, जैसे मुद्दों पर सोमवार की बैठक में विस्तार से चर्चा होगी।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 13, 2012, 20:21