Last Updated: Thursday, January 12, 2012, 08:42

ज़ी न्यूज ब्यूरो भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बुधवार को सभी सरकारी एवं सरकारी मदद से चलने वाले स्कूलों में कराए जाने वाले ‘सामूहिक सूर्य नमस्कार’ को लेकर गुरुवार को विवाद बढ़ गया। अब ईसाई समुदाय भी सूर्य नमस्कार के विरोध में सामने आया है।
ईसाई समुदाय का कहना है कि सूर्य नमस्कार एक धार्मिक क्रिया है और सूरज को भगवान नहीं माना जा सकता है। उन लोगों ने यह भी कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को सूर्य नमस्कार से ज्यादा अन्य जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, सरकार को शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार एक ओर जहां हजारों स्कूली विद्यार्थियों को एक साथ ‘सूर्य नमस्कार’ कराकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की तैयारी में है, वहीं मुस्लिम नेताओं ने बुधवार को सूर्य के सामने झुकने को गैर इस्लामिक एवं ‘बुत’ पूजा बताकर इसका विरोध किया। प्रदेश के शीर्ष मौलवियों ने सूर्य नमस्कार के खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया। उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार धीरे और घातक तरीके से प्रदेश में शिक्षा का भगवाकरण कर रही है। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि यदि सरकार अपने सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी तो वे इसके खिलाफ अदालत में दस्तक देंगे।
उधर, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि इसके बजाए सरकार को शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। अजय ने सूर्य नमस्कार के आयोजन को लेकर यहां कहा कि सरकार इस प्रदेश में शिक्षा का स्तर बेहतर करने और इस क्षेत्र का बुनियादी ढांचा सुधारने के बजाए सूर्य नमस्कार जैसे आयोजनों पर फिजूलखर्ची कर रही है।
First Published: Friday, January 13, 2012, 11:13